शहरी विकास मंत्री के बयान से भड़के ग्रामीण ।
कबीना मंत्री को घोषित किया पागल।
मंत्री मदन कौशिक पर गांव की जमीन को बेचकर भूमाफिया बनने का लगाया आरोप।
नगर पालिका विस्तार के विरोध में ग्रामीणों का धरना 11वें दिन भी जारी।
गिरीश गैरोला
नगर पालिका विस्तार से नाराज उत्तरकाशी के 16 गांव के लोग एक बार फिर विशाल जुलूस के साथ कलेक्ट्रेट में पहुंचे और सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने शहरी विकास मंत्री को हिटलर बताते हुए अपनी रणनीति में बदलाव करने की घोषणा की है। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए नागेंद्र दत्त जगूड़ी ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को पागल करार दिया उन्होंने कहा कि मंत्री की नजर पहाड़ी गांव की खाली पड़ी जमीन पर है जिसे बेचकर वे भूमाफिया बनना चाहते हैं।
आंदोलन की रणनीति में परिवर्तन करते हुए श्री जगूड़ी ने कहा कि कल से प्रभावित 16 गांव के साथ अन्य गांवों के लोगों को भी जोड़ा जाएगा और सरकार फिर भी नहीं चेती तो जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा ।
नगर पालिका विस्तार के विरोधियो पर मंत्री के बयान पर नागेंद्र जगूड़ी ने उन्हें हिटलर करार दिया।
दरअसल सिस्टम को लेकर ग्रामीण इतने नाराज हैं। नगर पालिका में शामिल ही नहीं होना चाहते। हमारी टीम ने जब ग्रामीण महिलाओं से अलग-अलग बात कर पालिका में शामिल होने के उनके डर के बारे में जानना चाहा तो पता चला कि वह पालिका में लगने वाले टैक्स से बेहद खौफजदा है।
महिला नेत्री पुष्पा चौहान ने कहा कि नगरपालिका की व्यवस्थाओं को लेकर ग्रामीणों का विश्वास उठ चुका है। लिहाजा सीमित संसाधनों में ग्रामीण परिवेश में ही खुश हैं । उन्होंने कहा जल, जंगल, जमीन और पशुपालन से जुड़ी हुई महिलाएं शहरी परिवेश में फिट नहीं बैठती है।ऐसे में सरकार जबरन उन्हें शहर के नरक में धकेलना चाहती हैं ,जिसका हर संभव विरोध किया जाएगा।
उत्तरकाशी के डीएम डॉ आशीष चौहान ने बताया कि पूर्व में जनपद से पालिका विस्तार के विरोध में 18 शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिनका निस्तारण शासन स्तर पर कर दिया गया था । अब क्योंकि बार- बार ग्रामीणों का धरना और विरोध जारी है , लिहाजा एसडीएम को पूरे मामले को देखकर रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए कह दिया गया है।
दिल्ली के एसी कमरों में बैठकर उत्तराखंड के पहाड़ी गांव की विकास योजना तैयार करने वाले अधिकारियों को लगता है कि शहर में तेजी से विकास हो रहा है और इस विकास पर सभी का अधिकार है , और नियंत्रित विकास के लिए शहरीकरण जरूरी है।
जानकारों की माने तो प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की वर्ष 2022 तक सबको घर देने की योजना को अंजाम देने के लिए पालिकाओं का विस्तार बेहद जरूरी है और इसका अनुपालन संसदीय चुनाव 2019 से पहले धरातल पर दिखना बेहद जरूरी है।जिसके लिए सरकार आनन-फानन में अपने निर्णय को जनता पर थोपना चाहती हैं।