विशाल सक्सेना
रामनगर में स्थित प्रसिद्ध मां गिरिजा देवी मंदिर में 10 मई से 30 जून तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्णय स्थानीय प्रशासन एवं मंदिर समिति के पदाधिकारी ने लिया है।
आपको बता दें कि प्रसिद्ध गिरिजा देवी मंदिर कोसी नदी के बीचो-बीच एक ऊंचे टीले पर स्थित है। 2010 में आई बाढ़ आपदा के चलते मंदिर के टीले में दरारे आ गयी थी, जिसके बाद से लगातार ये दरारें बढ़ने के बाद जहां एक ओर माता के मंदिर को खतरा उत्पन्न हो गया था तो वही मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया था।
हालांकि सिंचाई विभाग द्वारा पूर्व में भी मंदिर के इस टीले की मरम्मत का कार्य तिरपाल लगाकर किया गया था, लेकिन अब मंदिर के मुख्य टीले का मरम्मत का कार्य शुरू होना है।
मंदिर के टीले पर आई दरार के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मंदिर परिसर का निरीक्षण करते हुए मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए थे।
मंदिर के टीले में लगातार बढ़ रही दरार को लेकर अब भविष्य में किसी भी प्रकार की मंदिर व श्रद्धालुओं के साथ कोई अनहोनी ना हो इसको लेकर बीते दिवस मंदिर परिसर में तहसीलदार कुलदीप पांडे की मौजूदगी में हुई बैठक में मंदिर समिति के पदाधिकारी एवं दुकानदारों के साथ ही सिंचाई विभाग व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने भाग लिया ।
आपको बता दें कि सरकार द्वारा मंदिर में आई दरारों के चलते साढ़े पांच करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी गई है।
बता दें कि मंदिर के टीले का कार्य 2 फेज में किया जा रहा है जिसके लिए पहले फेज की धनराशि 5 करोड़ 50 लाख है वहीं दूसरे फेज का कार्य भी आघे किया जाएगा।
वही मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज पांडे ने सरकार का आभार जताते हुए कहा कि मंदिर के टीले का कार्य 10 मई से 30 जून तक होने जा रहा है, इस बीच प्रसिद्ध गिरिजा देवी मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्त मुख्य मंदिर के दर्शन नहीं कर पाएंगे।
वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मयंक मित्तल ने बताया कि मंदिर के टीले के निर्माण को लेकर हुई बैठक में तय किया गया कि 10 मई से 30 जून तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा तथा मंदिर में सुबह और शाम मंदिर के पुजारी माता की आरती के लिए प्रवेश करेंगे ।
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 30 जून के बाद मंदिर को पूर्व की भांति श्रद्धालुओं के लिए दर्शन हेतु खोला जाएगा उन्होंने सभी लोगों से सहयोग की अपील की है।