उत्तराखंड में चार धाम यात्रा चरम पर चल रही है। चारों धामों में श्रद्धालुओं के सैलाब से व्यापारी और वहां पर अपनी जीविका कर रहे हैं सभी लोगों के चेहरे पर चमक छाई हुई हैं।
अब तक चारों धामों में कुल 09 लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। चारों धाम में बढ़ते जन सैलाब से कठिनाइयां जरूर हुई लेकिन शासन प्रशासन ने मुस्तैदी से व्यवस्थाओं को बनाए रखा है।
चार धाम यात्रा के मध्य नजर दो और अफसर को तैनाती दी है । अशोक कुमार पांडे सीडीओ नैनीताल को बद्रीनाथ धाम भेजा गया है ,जबकि एडीएम रुद्रपुर पंकज उपाध्याय को केदारनाथ धाम भेजा गया है । इससे पहले मनीष जैन और अंशुल सिंह को इन दोनों धामों की जिम्मेदारी दी गई थी ।
मौजूदा समय में यात्रा व्यवस्था को कुशलतापूर्वक संचालित करने को सभी विभाग, एजेंसियां तत्परता से जुटी हुई हैं। सीएम धामी ने सचिवालय के सभी सीनियर अधिकारियों को चार धाम यात्रा के प्रबंधन में लगाया हुआ है।
जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चार धाम यात्रा बेहतर रूप से संचालित हो रही है । देश-विदेश से लोग चार धाम यात्रा में रुचि दिखा रहे हैं जो उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चार धाम यात्रा को लेकर लगातार समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ कहा है की लापरवाही बरतने वाले अफसर के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी साथ ही उन्होंने यात्रा की मॉनिटरिंग के लिए अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के भी निर्देश दिएहैं।
साथ ही पुष्कर सिंह धामी ने मानसून सीजन में यात्रा के मध्य नजर अभी से तैयारी करने के लिए कह दियाहै।
चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि, इस बार यात्रा में भीड़ बढ़ने से कुछ कठिनाई जरूर हुई, लेकिन सरकार के कुशल प्रबंधन से यात्रा व्यवस्थाएं सुचारु हो गईं। चार धाम यात्रा की शुरुआत में क्षमता से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से कठिनाइयां जरूर हुई थीं। लेकिन सरकार के कुशल प्रबंधन से जल्द ही यात्रा व्यवस्था सुचारू हो गई। ऐसे में समय में नकारात्मक बयानबाजी न की जाए। बल्कि यात्रा व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने को अपने सुझाव प्रदेश सरकार को देने चाहिए। मौजूदा समय में यात्रा व्यवस्था को कुशलतापूर्वक संचालित करने को सभी विभाग, एजेंसियां तत्परता से जुटी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि,श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यात्रा बेहतर रूप से संचालित हो रही है। इस बार यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। देश विदेश के श्रद्धालुओं का हमारे प्रदेश के धामों के प्रति भारी रुझान दिखाना उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। कहा कि कोविड काल में चारधाम यात्रा पूरी तरीके से बाधित हो चुकी थी।प्रदेश की आर्थिकी की अहम धुरी माने जाने वाली चारधाम यात्रा के बाधित होने से प्रदेश में निराशा का वातावरण बन गया था। उसके बाद सीएम पुष्कर धामी के प्रयासों से ही चारधाम यात्रा पटरी पर आ पाई। वर्ष 2022 और 2023 में चारधाम यात्रा ने नए कीर्तिमान स्थापित किए। इन्हीं प्रयासों के बाद चार धाम यात्रा में इतनी भारी संख्या में श्रद्धालु अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
चारधाम यात्रा पर गंगोत्री मंदिर समिति ने राज्य में तीर्थाटन और पर्यटन व्यवस्था को लेकर सरकार की ओर से यात्रा प्राधिकरण बनाने जाने की तैयारी का स्वागत किया है। मंदिर समिति ने कहा कि चारों धाम में मंदिरों के प्रबंधन से ज्यादा जरूरी यात्रा प्रबंधन है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दिशा में पहल की है।
श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल ने कहा कि धामों में तीर्थयात्रियों की बढ़ती भीड़ से सड़क, परिवहन, पार्किंग, मेडिकल जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं पर दबाव पड़ रहा हैं,ऐसे में सरकार को मंदिरों के प्रबंधन से ज्यादा तीर्थयात्रियों की सुविधा का प्रबंधन करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मंदिरों का प्रबंधन वर्षों से जिस व्यवस्था से चल रहा है, उसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि यात्रा प्रबंधन के लिए ठोस योजना बनाते हुए, इस पर तेजी से अमल किए जाने की जरूरत है। सेमवाल ने कहा कि यात्रियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए मंदिर समिति शासन-प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर दिनरात सहयोग कर रही है।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय ने भी कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सबसे अधिक ध्यान सुरक्षित यात्रा पर दिया जाए। यात्रियों को यदि किन्हीं स्थानों पर ठहराया जा रहा है, तो वहां पर उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रद्धालुओं की हर सुविधा को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जा रहे हैं। चारधाम यात्रा के लिए एक सप्ताह से रूके लोगों को यात्रा पर भेजा जा रहा है। अभी चारों धामों में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी बढ़ाने में चारधाम यात्रा, तीर्थाटन और पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में क्राउड मैनेजमेंट के लिए आवश्यकता पड़ने पर ही एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद ली जायेगी। चारधाम यात्रा के शुरुआत के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई, ट्रैफिक जाम की समस्याएं भी आयी। कुछ प्रकरण ऐसे भी पाये गये, जिनमें तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन बाद के थे, लेकिन उन्होंने यात्रा पहले प्रारंभ कर ली। कुछ फेक रजिस्ट्रेशन की शिकायते भी प्राप्त हुईं। इसको लेकर विभिन्न टूर ऑपरेटर्स के खिलाफ ऋषिकेश में तीन, हरिद्वार में 01 और रूद्रप्रयाग में 09 एफआईआर भी दर्ज की गई है। बिना पंजीकरण और रजिस्ट्रेशन की तय तिथि से पहले यात्रा किसी भी दशा में नहीं करने दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की ओर से चिकित्सा उपचार और देखभाल के बाद कई श्रद्धालुओं को यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है। उसके बाद भी कोई श्रद्धालु यात्रा पर जा रहा है, तो उनसे लिखित में फार्म भरवाया जा रहा है।
गढ़वाल कमिश्नर ने कहा कि 10 मई को केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री और 12 मई को बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गये। उसके बाद से 23 मई तक चारों धामों में कुल 09 लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यमुनोत्री धाम में 01 लाख 79 हजार 932, गंगोत्री धाम में 01 लाख 66 हजार 191, केदारनाथ में 04 लाख 24 हजार 242 और बदरीनाथ धाम में 01 लाख 96 हजार 937 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर चूके हैं।
गढ़वाल कमिश्नर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि चारों धामों में साफ-सफाई की व्यवस्था उच्च कोटि की हो। इसके लिए दो विशेष अधिकारियों की तैनाती की गई है। ठहराव वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश दिये गये हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था की हर दो घण्टे में रिपोर्ट भेजेंगे।