नेशनल मेडिकल काउंसिल ने आखिरकार हरिद्वार के राजकीय मेडिकल कॉलेज को इसी सत्र से एमबीबीएस की 100 सीटों के साथ संचालित करने की मंजूरी दे दी है।
भारत सरकार के नेशनल मेडिकल काउंसिल एनएमसी के समक्ष यह दूसरी अपील की गई थी । अब इस अकादमिक सत्र 2024- 25 से इसकी मंजूरी मिल गई है । गौर तलब है कि इस बार नीट की मेरिट काफी ऊंची गई थी जिसे उत्तराखंड के काफी छात्र प्रवेश पाने से रह गए थे और मायूस थे ।
गौर तलब है कि इस बार काफी संख्या में फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाकर दूसरे राज्यों से भी आकर कई छात्रों ने उत्तराखंड के कोटे की 85% सीटों में एडमिशन ले लिए। जिससे उत्तराखंड के मूल निवासी बच्चों का हक मारा जा रहा था और वह काफी मायूस थे ।
100 सीटों की मंजूरी के बाद अब अभिभावकों के चेहरे पर रौनक है वही एडमिशन से वंचित रह गए बच्चों और उनके अभिभावकों ने सरकार से कम से कम 50 सीटें दूसरे मेडिकल कॉलेजों में बढ़ाने की भी मांग की है।
हरिद्वार में लगभग 325 करोड़ की लागत से यह मेडिकल कॉलेज बनाया गया है।
मेडिकल कॉलेज ने सेकंड अपील में बताया कि 39 सेकंड की जिसमें से 13 प्रोफेसर 7 प्रोफेसर और 19 असिस्टेंट प्रोफेसर वर्तमान में कार्यरत हैं।
राज्य सरकार ने भी इस बात का लिखित आश्वासन दिया है कि फैकेल्टी की चयन प्रक्रिया से संबंधित सभी प्रक्रियाएं अकादमिक सत्र शुरू होने से पहले ही शुरू कर संपन्न कर दी जाएगी तथा 30 नवंबर तक सभी प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर तथा हॉस्टल आदि की व्यवस्था भी कर दी जाएगी।
बहरहाल इसी सत्र से कॉलेज शुरू होने की मंजूरी के बाद नीट की परीक्षा में पास उत्तराखंड के विद्यार्थियों के चेहरे पर रौनक है।