खंडूड़ी के खाली खेत को चरने की कवायद
भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में एक अजीब दौर से गुजर रही है। कल तक जमीनी कार्यकर्ताओं की ताकत के बूते तिनका-तिनका जोड़कर दो सीटों से 283 सीटों तक पहुंचने वाली भारतीय जनता पार्टी ने जमीनी कार्यकर्ताओं को बर्फ में लगाने का काम बदस्तूर जारी है। भारतीय जनता पार्टी की सत्ता पाने की यह भूख इस कदर हावी हो चुकी है कि अब उसे अपने कार्यकर्ताओं के सम्मुख लोकलाज का भी भय नहीं रहा। केंद्र में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी के 283 में से 150 सांसद वे हैं, जो विभिन्न दलों से जोड़-तोड़ कर या खरीद-फरोख्त कर लाए गए। उत्तराखंड में भी यही ट्रेंड जारी है। 57 में से 25 विधायक ऐसे हैं, जो विभिन्न दलों से होते हुए भारतीय जनता पार्टी में आए हैं।
2019 के लोकसभा चुनावों को दृष्टिगत रखते हुए एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की जमीनी कार्यकर्ताओं को बर्फ में लगाकर परिवारवाद से लेकर जातिवाद की पूंछ पकड़कर आगे आने वाले लोगों की घुसपैठ शुरू हो गई है।
पौड़ी से 86 वर्ष के भुवनचंद्र खंडूड़ी के भविष्य में चुनाव न लडऩे की संभावना के बीच आजकल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद के अध्यक्ष अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल ने पौड़ी लोकसभा में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। शौर्य डोभाल इससे पहले उत्तराखंड में कभी नजर नहीं आए।
शौर्य डोभाल इन दिनों पौड़ी लोकसभा में लोगों के बीच जाकर उनकी दरिद्रता दूर करने के अर्थशास्त्र पर व्याख्यान दे रहे हैं। उन्हें कभी किसी ने उत्तराखंड में आई आपदा या भूकंप के दौरान लोगों के लिए काम करते नहीं देखा। किसी ने उन्हें उत्तराखंड आंदोलन में शामिल होते नहीं देखा न उन्हें उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण के लिए कभी बोलते देखा। हिमालयी राज्यों की समस्याओं पर बोलते नहीं देखा। उत्तराखंड में पलायन को लेकर बोलते नहीं देखा।
शौर्य डोभाल का जन्म उत्तराखंड में हुआ या नहीं, इसकी भी किसी को जानकारी नहीं। शौर्य डोभाल के पिता अजीत डोभाल ने पौड़ी लोकसभा में कितना पलायन रोका, इसकी भी किसी के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं। शौर्य डोभाल पहली बार तब चर्चा में आए जब उनकी कंपनी के बिजनेस पार्टनर पाकिस्तानी होने पर कई लोगों ने सवाल खड़े किए कि आखिरकार एक ओर दुश्मन देश पाकिस्तान को उखाड़ फेंकने की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी बिजनेस पार्टनर वाले शौर्य डोभाल कैसे देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटने वाली मोदी की बी टीम में है।
वर्तमान में पौड़ी लोकसभा एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है, जो भारतीय जनता पार्टी का टिकट लाने वाले किसी भी व्यक्ति को बहुत आसानी से लोकसभा में भेज सकती है। 14 विधानसभाओं वाली इस लोकसभा में 13 विधानसभाओं पर भारतीय जनता पार्टी के 13 विधायकों में से 4 मंत्री भी हैं। कांग्रेस की ओर से इस पूरी लोकसभा में एकमात्र विधायक केदारनाथ से मनोज रावत हैं।
शौर्य डोभाल की इस सक्रियता का चुनाव के अलावा कोई मतलब नहीं है। शौर्य डोभाल के बारे में सिर्फ इतना कहा जाता है कि वो कोई इवेंट कंपनी चलाते हैं, जो विदेशों में मोदी के दौरे प्रायोजित करती है। अब मोदी के दौरों को प्रायोजित करने पर भी लोकसभा का टिकट मिल सकता है, यह उत्तराखंड के भाजपाईयों के लिए नई बात है।
बहरहाल, डोभाल के इस शौर्य से तो कम से कम भारतीय जनता पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए एक नया काम यह खुल गया है कि अब उन्हें परिवारवाद के तमाम सपूतों के साथ एक और को ढोना पड़ेगा।