एबीपी चैनल तथा सी वोटर के सर्वे में देश के सबसे खराब मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में पहला स्था स्थान पाने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत “आज तक” चैनल के सर्वे की सूची से पूरी तरह ही गायब हो गए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आखरी 15 काबिल मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में भी स्थान नहीं पा सके।
गौरतलब है कि एबीपी चैनल के सर्वे के बाद मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकारों और नेताओं की एक पूरी टीम इस डैमेज कंट्रोल में झोंक दी गई और कुछ नेताओं ने बड़े-बड़े होल्डिंग शहर में लगा दिए जिसमें लिखा था,- ” मेरा सी एम मेरा सम्मान।”
सोशल मीडिया पर भी मुख्यमंत्री के बेहतर कामों को गिनाने के लिए काफी प्रायोजित पोस्ट प्रकाशित की गई किंतु इन सब से नुकसान की भरपाई भी ना हो पाई थी कि आज तक चैनल ने अपने सर्वे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी लिस्ट से ही बाहर कर दिया।।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भर्ती घोटालों करीबियों के स्टिंग ऑपरेशनों, रांची घूस कांड और सूर्या धार झील के भूमि घोटालों के बाद स्मार्ट सिटी के नाम पर बहुत बड़े घोटाले को लेकर चर्चा में हैं।
हाई कोर्ट के द्वारा त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई को मुकदमा दर्ज करने और जांच कराने के आदेश के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि भ्रष्ट मुख्यमंत्रियों में गिनी जा रही है।
सीबीआई के मुकदमे से बचने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गए थे, जहां पर यह मामला अभी विचाराधीन है।।
एबीपी चैनल के बाद आज तक चैनल के सर्वे ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित उनके सलाहकारों की नींद उड़ा रखी है।
लोग लोकायुक्त के गठन की मांग की जोर-शोर से उठाने लगे हैं। वही एनएच 74 मुआवजा घोटाला और छात्रवृत्ति भर्ती घोटाले के साथ ही दरोगा और फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले मे हाई कोर्ट कई बार सरकार को फटकार लगा चुका है।
चुनावी वर्ष मे ये सर्वे सरकार का सिरदर्द बन गये हैं।