नारायणबगड़ विकासखंड के ग्रामीण इन दिनों पीएमजीएसवाई विभाग के खिलाफ लगातार धरना दे रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि पीएमजीएसवाई के मनमानी के चलते उनके आवासीय मकान के साथ कृषि भूमि को भी भारी नुकसान पहुंचा है। लेकिन विभाग ग्रामीणों की सुध लेने को तैयार नहीं है ।
इसी के चलते यहां के ग्रामीण विगत 6 अगस्त से नारायणबगड़ तहसील परिसर पर धरने पर बैठे थे। धरने के पांचवे दिन पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग के अधिशासी अभियंता प्रमोद गंगाड़ी ने स्वयं धरना स्थल पर पहुंचकर काश्तकारों से बातचीत की।
इस दौरान तहसीलदार रवि शाह भी स्वयं धरनास्थल पर आंदोलकारियों से वार्ता करने के लिए मौजूद रहे पीएमजीएसवाई और तहसील प्रशासन की ओर से सड़क कटिंग के दौरान प्रभावित काश्तकारों और भूमिधरों को लिखित आश्वासन दिया गया कि जांच कमेटी बनाकर एक माह के भीतर ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया जाएगा ,जिस पर आंदोलकारियों ने पांचवे दिन धरना स्थगित कर दिया ।
मींग-डांगतोली-सनेड मोटरमार्ग पर कटिंग के दौरान यहां के ग्रामीणों की भूमि और आवासीय मकानों को हुई क्षति के मुआवजे सहित पंती हसकोटी ,मींग बैनोली मोटरमार्ग पर विभाग की कार्यप्रणाली और काश्तकारों को मिलने वाले मुआवजे में देरी से आक्रोशित प्रभावित और ग्रामीण तहसील परिसर में धरने पर बैठे हुए थे।
लगातर प्रदर्शन के बावजूद भी पीएमजीएसवाई के जिम्मेदार अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की मांग सुनने तक की जहमत नही उठायी, लेकिन लगातार प्रदर्शन के बाद आखिरकार पांचवे दिन पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता को खुद मौके पर पहुंचकर स्थिति को सम्भालना पड़ा और अधिशासी अभियंता सहित तहसील प्रशासन के लिखित आश्वासन और जांच कमेटी की रिपोर्ट पर एक माह में मुआवजा दिए जाने की शर्त पर प्रदर्शनकारियों ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है।
हालांकि प्रदर्शनकारियों ने एक माह के बाद आश्वासन पूरा न होने पर दोबारा उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। इस अवसर पर बेनोली के ग्राम प्रधान सुनील कोठियाल , धर्म सिंह रावत , जयवीर सिंह ,आनंदन सिंह , राजेन्द्र सिंह , विक्रम सिंह ,गुल्लीराम , आदिं लोग मौजूद थे।
वही तहसीलदार थराली रवि शाह ने बताया कि मींग -डांगतोली , बेनोली पंती , हँसकोटी के ग्रामीण पीएमजीएसवाई के खिलाफ नारायणबगड़ तहसील परिसर पर 6 अगस्त से धरने पर बैठे थे ।
ग्रामीणों का आरोप था कि, पीएमजीएसवाई ने मींग – डागतोली , सनेड , बेनोली ,पंती से हँसकोटि मोटर मार्ग पर सड़क कटिंग के दौरान ग्रामीणों के आवासीय मकान के साथ-साथ कृषि भूमि को भी नुकसान हुआ था लेकिन पीएमजीएसवाई विभाग मुआवजा नहीं दे रहा था।
वही पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता प्रमोद गंगाडी द्वारा के एक माह के लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने अपना धरना समाप्त कर दिया है।