प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बीएलए की तैनाती नही होने से आशा बहनों का वेतन बन्द
अनुज नेगी
पौड़ी।एक औऱ पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है वही दूसरी और कोरोना महामारी में ग्रामीण क्षेत्रो में अपना अहम योगदान देने वाले आशा कार्यकर्ताओं को वेतन के लाले पड़ रहे हैं।
जनपद पौड़ी के रिखणीखाल विकासखण्ड की स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण आशा कार्यकत्रियों व आशा फेसिलिटेटर को पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला जिससे आशा कार्यकत्रियों में भारी रोष देखने को मिल रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल में संविदा पर तैनात पूर्व बीएलए को विवादित के कारण सीएमओ पौड़ी द्वारा निष्कासित कर दिया था,मगर सीएमओ साहब शायद यह भूल गए हैं कि निष्कासित बीएलए का चार्ज किसी को देना भी है,जिस कारण कार्यकत्रियों व आशा फेसिलेटर का पिछले चार माह से वेतन नही बन पा रहा है।
वेतन न मिलने से कार्यकत्रियों व आशा फेसिलेटर में इन दिनों भारी रोष बना है,कार्यकत्रियों का कहना है एक ओर सरकार कोविड-19 में किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारियों का वेतन न रोकने को कह रहे हैं,मगर जिले में लापरवाह अधिकारियों की वजह से हमे वेतन के लाले पड़ रहे है।
वही आशा कार्यकत्रियों की रिखणीखाल यूनियन ने ब्लॉक प्रमुख रिखणीखाल देवरानी व ज़हरीखाल ब्लॉक प्रमुख दीपक भंडारी से इस मामले में मदद मांगी जिस पर ब्लॉक प्रमुख दीपक भंडारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी को सूचना दी तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी ने तुरन्त भुगतान करने को कहा परन्तु आज आठ दिन बीत जाने के बाद भी आशा कार्यकत्रियों को भुगतान नहीं हुआ है।
“मेरे संज्ञान ने आया है कि पूर्व में तैनात बीएलए को मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी दुबारा से तैनाती देना चाहते है,मगर इस को विरोध करेंगे चाहे हमे आंदोलन करना पड़े,औऱ अगर
आशा कार्यकत्रियों का अविलम्ब भुगतान न किये जाने की दशा में में जल्द ही आशा कार्यकर्ताओं
के साथ धरने पर हम बैठ सकते हैं।”———-
*दीपक भंडारी ब्लॉक प्रमुख ज़हरीखाल*