रिपोर्ट/ जगदम्बा कोठारी
ऊखीमठ।
केदारघाटी के आराध्य देव विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आज अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने धाम को सादगी पूर्वक वाहन मे रवाना हुई और प्रथम रात्रि प्रवास के लिए आज गौरामाई मंदिर गौरीकुण्ड पहुंचेगी।
15 को गौरीकुण्ड से केदारनाथ और 17 मई को प्रातः: 5 पांच बजे शुभमुहर्त में केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
हमेशा से हजारों की संख्या में भक्तों को साथ लेकर चलने वाली केदार बाबा की डोली के साथ इस बार ना भक्तों का हुजूम दिखाई दिया, ना आर्मी बैंड की धुन सुनाई दी।
पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच डोली जब ऊखीमठ से अपने धाम को रवाना हुई तो महज लोग अपने घरों की छतों,आंगन और तिवारियों से ही आशीर्वाद लेने लगे।
डोली के साथ सिर्फ गिनती के लोग ही शामिल थे, इस बार कोरोना कर्फ्यू की वजह से लोगों को इकठ्ठा होने की अनुमति नहीं थी। पिछली बार की तरह इस बार भी केदारघाटी के लोगों ने सरकार का पूरा साथ दिया।
यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ाव ऊखीमठ,गुप्तकाशी, फाटा,शेरसी,रामपुर,सीतापुर, सोनप्रयाग तथा गौरीकुंड जहां इन दिनों देश विदेश से आये तीर्थयात्रियों से गुलजार हुआ करते थे। वहां इस बार सन्नाटा पसरा हैं।
फिलहाल चारधाम यात्रा स्थगित है। अत: कोरोना महामारी को देखते हुए केवल मंदिरों के कपाट खुल रहे है। पूजा पाठ से जुड़े कुछ ही लोगों को धामों में जाने की अनुमति दी गयी हैं।
इस अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, डोली प्रभारी यदुवीर पुष्पवान सहित प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।