स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौर की गिरफ्तारी पर रोक और एफ.आई.आर.को निरस्त करने सम्बन्धी याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उनसे जाँच में सहयोग करने को कहा है।
न्यायालय ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेस करने को भी कहा है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की एकलपीठ में हुई।
आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि पीड़िता और उसके तीन अन्य साथी, विधायक को ब्लैकमेल करने के उपरांत जेल गए थे, अभी वे बेल पर हैं। पीड़िता ने भी जेल से बाहर आने के बाद विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दोनों मामलों में जाँच चल रही है और जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया जाए।
मामले के अनुसार ज्वालापुर हरिद्वार के विधायक सुरेश राठौर ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ महिला की ओर से दुराचार करने को लेकर दिनांक एक जुलाई 2021 को आई.पी.सी.की धारा 156(3) थाना बहादराबाद में एफ.आई.आर.दर्ज की है। उनके द्वारा जो भी आरोप लगाये गये हैं, वे सब गलत हैं। जबकि वे पुलिस जांच में सहयोग करने को तैयार हैं।
उन्होंने यह भी कहा है कि महिला के खिलाफ उन्होंने ब्लैकमेलिंग का मुकदमा 2020 में ही दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के बाद उन्हें उनके पति सहित दो अन्य साथियों को जेल भेज दिया था । लेकिन पिछले साल कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखर कर इन लोगो लोगो को निचली अदालत ने रिहा कर दिया था । बदले की भावना को लेकर जेल से बाहर आने के बाद महिला ने उनके खिलाफ दुराचार का झूठा मुकदमा दर्ज कराया ।
जबकि महिला का कहना है कि विधायक ने उनसे कई बार दुराचार किया, साथ में यह भी कहा कि वह अभी सत्तादल के विधायक हैं और उनको अपनी पार्टी में एक पद दिला देंगे । जब वह इसकी शिकायत पुलिस से कराने जा रही थी, तो इन्होंने थाने के पास से हम लोगो को गिरफ्तार करा दिया और पुलिस ने उनकी एफ.आई.आर.दर्ज नही की। उसके बाद उन्होंने एस.एस.पी.से इसकी शिकायत की उनकी शिकायत पर पुलिस ने इनके खिलाफ आई.पी.सी.की धारा 156(3) में मुकदमा दर्ज किया।