बेलगाम कमर्चारियों के भरोसे पहाड़ के लोग आज दरदर भटक रहे है। मामला रिखणीखाल ब्लॉक के अंतर्गत पशुचिकित्सालय कोटड़ी का है,जहां आजकल मुर्गीपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
श्री शंकर पोलिट्री फॉर्म के मालिक कल्याण सिंह रावत जी के फॉर्म में अचानक coccidiosis रोग फैल गया|जिस कारण मुर्गियां मरनी सुरु हो गई। गॉंव में पशुचिकित्सालय होने के बावजूद भी उन्हें उपचार नहीं मिला|
चिकित्सालय में मात्र एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विगत 1 महीने से सेवा दे रही है। पूछने पर पता चला कि, डॉ पल्लवी जयशवाल बिना अनुमति के 23 मार्च से कार्यालय नहीं पहुंचे है।
हॉस्पिटल से कोई मदद न मिलने से शंकर पोल्ट्री फार्म की 12 घंटे के अंतराल पर 200 मुर्गी मर गई। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधीर बर्थवाल को जब इस घटना की सूचना दी गई तो उनका कहना था कि, हाजिरी रजिस्टर के मुताबिक डॉ अपने कार्यालय में मौजूद है।
डॉ सुधीर बर्थवाल द्वारा जब तक कोटद्वार से दवाई भिजवाई तक तक मरने वाले मुर्गियों का आंकड़ा 260 हो चुका था और बीमारी समूचे क्षेत्र में फैल चुकी थी।
20 अप्रैल को डॉ पल्लवी द्वारा हॉस्पिटल में जॉइन किया तो कल्याण सिंह रावत जी को दवाई नही दिया| उनका कहना था आप CVO शिकायतें करें, हमारे पास दावा नही है| जबकि CVO पौड़ी के मुताबिक हॉस्पिटल में दवा प्रयाप्त है।
CVO पौड़ी ने डॉ को मुर्गियों का पोस्टमार्टम करने के निर्देश दिए मगर अभी तक कोई कार्य नही हुआ है। गौरतलब हो डॉ पल्लवी जयशवाल पर पूर्व में भी विभागीय कार्यवाही हो चुकी है बावजूद इसके वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठापूर्वक नहीं कर रही है।
शिकायतकर्ता देवेश आदमी ने इस घटना की सूचना पशुपालन निदेशालय देहरादून CDO पौड़ी District Magistrate Pauri Garhwal व पशुपालन सचिव हरवंश चुग से किया।
CVO पौड़ी का कहना है कि, डॉ के 1 महीने का पगार रोका गया है| पशुपालन सचिव ने कठोर कार्यवाही का भरोसा दिया है| किंतु सवाल यह है कि, पीड़ित किसान को क्या मिला?
इस तरह से पहाड़ों में अधिकारियों का रवैया आए दिन आता रहता है। प्रायः अधिकारियों की बेरुखी का शिकार पहाड़ी होते रहते है। यदि अधिकारियों को पहाड़ों में कार्य खानापूर्ति ही करनी है तो पोस्टिंग क्यों लिया जाता है।
बेलगाम अधिकारियों पर कौन लगाम लगाएगा। यदि नीचे तबके के अधिकारी उच्च अधिकारियों का भय नही मानते तो जनता उन के लिए क्या है। जनता की सुनने वाला कोई नही हैं।
श्री कल्याण सिंह रावत ने CVO पौड़ी से हरजाने की मांग की हैं उन का कहना हैं कि अधिकारियों के हॉस्पिटल में न होने की वजह से उन को विगत 1 वर्ष में 2 बार नुकसान हुआ हैं इस से पूर्व भी हैजा रोग की वजह से उन की 222 मुर्गियां मरी थी। इस में सरकारी कमियां लापरवाही नजर आती हैं। जिस के लिए कोई अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नही।