उत्तराखंड के सात आयुर्वेद कॉलेजों की छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है। वर्ष दो हजार अट्ठारह उन्नीस के प्रथम वर्ष के आयुर्वेद के सात कॉलेजों को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने नोटिस भेजकर पूछा है कि उनकी प्रवेश की स्वीकृति अभी तक नहीं आई है और ना ही हाईकोर्ट ने इस विषय में अपने निर्णय से अभी तक कॉलेज को अवगत कराया है।
इन सात आयुर्वेद कॉलेजों को आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने प्रवेश की अनुमति प्रदान नहीं की थी। इस पर यह हाईकोर्ट चले गए थे और हाईकोर्ट ने अंतिम निर्णय आने तक छात्रों की काउंसिलिंग जारी रखने के आदेश दिए थे लेकिन अब काउंसलिंग के बाद छात्रों की नामांकन प्रक्रिया चल रही है लेकिन अभी तक अंतिम निर्णय से न तो कॉलेज ने अवगत कराया है और न ही हाईकोर्ट का कोई निर्णय आयुर्वेद विश्वविद्यालय तक पहुंचा है।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव रामजी शरण शर्मा ने सभी 8 कॉलेजों को पत्र लिखकर कहा है कि इन कॉलेजों में हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में शैक्षणिक सत्र 18-19 के लिए काउंसलिंग कराई गई थी लेकिन हाई कोर्ट का अंतिम निर्णय ना आने से इन कॉलेजों के शैक्षणिक सत्र 2018-19 के छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है।
कुलसचिव ने कहा है कि यदि जल्दी ही इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ तो इसका समस्त उत्तरदायित्व संबंधित कॉलेजों का ही होगा।
इन कॉलेजों को भेजा गया है नोटिस
1-क्वाड्रा इंस्टिट्यूट रुड़की
2-मदरहुड आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज भगवानपुर रुड़की 3-बीहाइव आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज देहरादून
4-बिशंबर सहाई आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज रुड़की
5-दून इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद फैकेल्टी शकरपुर देहरादून
6-देवभूमि आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज मंडुवाला
7-हरिद्वार आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज मुस्तफाबाद