उत्तराखंड,ऋषिकेश
भाजपा द्वारा नगर निगम चुनाव में पार्टी द्वारा समर्थित की गई पार्षद प्रत्याशी के विरुद्ध जाकर निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में कार्य करने वाली महिला को ही नगर निगम सदस्य पद पर मनोनीत किए जाने से जहां पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओ में नाराजगी देखी जा रही है, वहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं का मानना है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को मनोनीत किए जाने से निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा, जबकि उक्त महिला की पार्टी विरोधी संलिप्तता क्षेत्र में लगे बैनर व पम्पलेट तक तस्दीक कर चुके है।
भाजपा ने अपनी ही पार्टी की पार्षद के वार्ड में इन्हें पार्षद बनाया है जबकि आमतौर पर हारे हुए वार्ड से ही मनोनीत पार्षद बनाया जाता है
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सूत्रों की माने तो भाजपा द्वारा लिए गए उक्त निर्णय से नाराज हुए अन्य कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सीधा असर आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में देखने को मिल सकता है।
बीते नगर निगम ऋषिकेश के चुनाव में मीरानगर वार्ड नम्बर-30 से भाजपा द्वारा अनीता प्रधान को अपना प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन अनीता प्रधान द्वारा अपने पूर्व पंचायत चुनाव का आय-व्यय का ब्यौरा नही दिए जाने के कारण चुनाव आयोग द्वारा अनीता प्रधान की उम्मीदवारी को निरस्त कर दिया गया था।
जिसके बाद भाजपा ने तत्काल जनाधार वाली सुंदरी कंडवाल को समर्थित प्रत्याशी बनाया था, जिसके बाद अनीता प्रधान ने पार्टी निर्णय के खिलाफ जाकर निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन सिंह रावत का समर्थन करते हुए प्रचार-प्रसार किया था, जबकि वार्ड नं-30 से भाजपा द्वारा समर्थित सुंदरी कंडवाल ने ही जीत दर्ज कर भाजपा को मजबूती प्रदान की थी।
जबकि हाल ही में हुए भाजपा वीरभद्र मंडल अध्यक्ष के चुनाव में उक्त महिला को पार्टी विरोधी गतिविधियों में पाए जाने के कारण 28 नवम्बर 2019 को भाजपा पार्षद सुंदरी कंडवाल द्वारा जिला चुनाव प्रभारी सुरेश परिहार से अनीता प्रधान की पार्टी विरोधी कार्यशैली पर लिखित पत्र भेजकर आपत्ति दर्ज की गई थी और संगठन ने तब वीरभद्र मंडल अध्यक्ष पर जनाधार वाले पार्टी कार्यकर्ता अरविंद चौधरी को मनोनीत किया था।
आश्चर्य रहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल उक्त महिला को नगर निगम ऋषिकेश के मनोनीत सदस्य की सूची में शामिल कर दिया गया, जिसकी सूची सार्वजनिक होते ही पार्टी के अन्य कर्मठ व निष्ठावान कार्यकर्ताओ में नाराजगी देखी गई, जिसके बाद से ही भाजपा के नाराज कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय बना हुआ है कि पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध कार्य करने वाली महिला को नगर निगम में मनोनीत सदस्य बनाये जाने से भाजपा के अधिकृत कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्य करने वालो का हौसला बढ़ाएगा।
सूत्रों की माने तो उक्त महिला की संगठन विरोधी गतिविधियों की जानकारी पार्टी के उच्च पदाधिकारियों तक पहुंच चुकी है, जिस पर पार्टी के उच्चपदस्थ नेतृत्व द्वारा जाँच किये जाने की चर्चा है। वही माना जा रहा है कि नगर निगम ऋषिकेश की मनोनीत सूची में महिला का नाम सार्वजनिक होते ही भाजपा ने अन्य निष्ठावान कार्यकर्ताओं की नाराजगी मोल ले ली है जो आगामी 2022 के चुनाव में पार्टी के मजबूत पक्ष को प्रभावित कर सकती है।
इस संबंध में वीरभद्र मण्डल अध्यक्ष अरविंद चौधरी से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान द्वारा मनोनीत सदस्य चयन को लेकर उनसे कोई जानकारी नही ली गई है, वीरभद्र मण्डल से सदस्य बनाये जाने की जानकारी सूची जारी होने के बाद उन्हें मिली है।
वही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने फोन पर बताया कि उक्त महिला के पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी उन्हें नही है, जिसकी जांच की जा रही है।