ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में विलंब से दावेदारों के छूटे पसीने
ज्यादातर सदस्य समर्थकों परिजनों संग नहीं मना पाए छोटी दीवाली
रजपाल बिष्ट
गोपेश्वर।
ब्लाक प्रमुखों के चुनाव की अधिसूचना जारी न होने से दावेदारों के पसीने छूट गए हैं। इसके चलते दावेदारों को सदस्यों को अपने पाले में रखने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। शनिवार को छोटी दीवाली पर भी क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत के अधिकांश सदस्यों के होटलों में ही रहने से समर्थक और परिजन उनके संग जीत की दीवाली भी नहीं मना पाए।
दरअसल 21 अक्टूवर को प्रधान, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव परिणाम घोषित होते ही ब्लाक प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्षों के दावेदार सदस्यों को लामबंद करने के प्रयासों में पहले ही दिन से जुट गए। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्षों के आरक्षणों का अनंतिम प्रकाशन 2 अक्टूवर को हुआ। इसके तहत अनंतिम प्रकाशन पर 22 व 23 अक्टूवर को आपत्तियां ली गई। आपत्तियों का निस्तारण शनिवार तक किया गया। इसके बादि 29 अक्टूवर को आरक्षण की अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद ही अंतिम आरक्षण तय होगा। इसलिए जिला पंचायत अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना 29 बाद ही संभव है किंतु ब्लाक प्रमुखों का आरक्षण पहले ही निर्धारित कर दिया गया था। इसके चलते ही ब्लाक प्रमुखों के दावेदार चुनाव परिणाम आते ही सदस्यों को अपने पक्ष में लामबंद करने के प्रयासों में जुट गए। यही वजह है कि मौजूदा समय में कई दावेदारों ने तो सदस्यों को अपने अपने कैंपों में रखा है।
ज्यादातर सदस्य इस समय होटलों तथा रिजॉर्टों में दिन गुजार कर चुनाव की अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैँ। जिला पंचायत अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के आरक्षण निर्धारण की अंतिम सूची का प्रकाशन अभी होना है। इसके बावजूद अध्यक्ष पद के दावेदारों ने भी ब्लाक प्रमुखों की तर्ज पर सदस्यों को अपने अपने पाले में होटलों तथा रिजाॅर्टों में रखा है। इसके बावजूद अभी तक ब्लाक प्रमुखों के चुनाव के लिए अभी तक अधिसूचना ही जारी नहीं हो पाई है।
जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए तो चुनाव अधिसूचना जारी होने में विलंब संभव है। ब्लाक प्रमुखों के दावेदार अब चुनावी अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं। सदस्य भी अब ज्यादा दिन होटलों में रहने को तैयार नहीं हैं। एक दावेदार के समर्थक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कैंपिंग कर रहे सदस्य भी अब होटलों तथा रिजार्टों में ऊबने से लग गए हैं। सदस्यों का मानना है कि अभी जब चुनाव की अधिसूचना ही जारी नहीं हुई तो होटलों में रहना उनके लिए अच्छा भी नहीं है। इस कारण आम जनता में मैसेज भी अच्छा नहीं जा रहा है।
जिला पंचायत सदस्य भी इसी तरह की राय जता रहे हैं। उनका भी कहना है कि आरक्षण की अंतिम सूची का प्रकाशन 29 को होना है तो अभी उन्हें होटलों में ही रहना पड़ेगा। इसके बाद ही चुनावी अधिसूचना जारी होनी है। संभव है कि चुनाव में आधा माह और खिंच सकता है। प्रमुखों के चुनावों में भी 1 से अधिक दिन खिंच सकते हैं। ऐसे में दावेदारों के सामने सदस्यों को अपने कैंपों में बनाए रखना बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस बीच दावेदारों के प्रतिद्वंदी भी सदस्यों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं।
प्रतिद्वंदियों की भी रणनीति यही है कि यदि सदस्य होटलों से बाहर निकले तो वे उनसे संपर्क कर अपने पक्ष में गोलबंद करने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं किंतु सदस्यों के कैंपों से बाहर आने के खतरे दोनों और हैं। इस तरह के हालातों ने दावेदारों के पसीने छुड़ा दिए हैं। दावेदारों को होटलों में खिदमद में ही काफी पैसा बहाना पड़ रहा है। इस कारण अभी लंबे अंतराल तक कैंपों में सदस्यों को बैठाना महंगा साबित हो सकता है। खास कर प्रमुख पद के दावेदारों का यही मानना है कि यदि आयोग जल्द चुनावी अधिसूचना जारी कर दे तो दावेदारों को राहत तो मिलेगी ही अपितु सदस्यों को भी कम समय में ही कैंपिंग से छुटकारा मिल जाएगा। इस बीच चुनाव को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है।
अभी कई सदस्य अपने अपने घरों अथवा क्षेत्रों में ही हैं। वे आम जनता का आभार भी जता रहे हैं। अब जबकि शनिवार को छोटी दीवाली रही तो कई क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के सदस्य अपने घरों में दीपावली नहीं मना सके। इससे समर्थकों तथा परिजनों को मायूसी भी झेलनी पड़ी। ऐसा इसलिए कि हालिया चुनाव के बाद दीवाली मनाने का मौका एक साथ नवनिर्वाचित सदस्यों और समर्थकों को मिला था किंतु मौजूदा हालातों ने उनके उमंग व उल्लास को पूरी तरह फीका कर रख दिया। ब्लाक प्रमुख पद के एक दावेदार का कहना था कि चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी होती तो चुनाव की थकान भी दूर हो जाती। ऐसा इसलिए भी कि दावेदार 16 अक्टूवर तक चुनाव में व्यस्त रहे। इसके बाद परिणाम आया तो वे सदस्यों की कैंपिंग में जुट गए। अभी तो उनका आराम हराम हो रखा है।