विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पांचवा दिन मंगलवार को आज सदन के पटल पर कैग की वार्षिक रिपोर्ट रखी गयी। वित्त वर्ष 2017-2018 का लेखा जोखा पेश किया गया।
त्रिवेंद्र सरकार की यह पहली कैग रिपोर्ट सदन में पेश की गई। कैग रिपोर्ट में राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन को लेकर सवाल उठे।
साल 2017-18 में राजस्व घाटा बढ़कर 1978 करोड़ रुपया हुआ, जबकि साल 2016-17 में राजस्व घाटा 383 करोड़ रुपया था, जबकि 2017-18 में राजकोषीय घाटा 7935 करोड़ रुपया मानक लक्ष्य से अधिक हुआ। वर्ष 2016-17 में राजकोषीय घाटा 5467 करोड़ रुपया था।
कैग की रिपोर्ट में राज्य सरकार को लेकर बड़ी टिप्पणी हुई। राज्य को अपने लिए गए उधार का ब्याज चुकाने के लिए भी ऋण की आवश्यकता होगी, जिस कारण वर्ष 2017-18 में 7526 करोड़ में से 3897 करोड़ रुपये लेने पर मजबूर होना पड़ा।
राज्य के विभागीय अधिकारियों द्वारा वर्ष 2018 के विशिष्ट उदेशों के लिए दिए गए।164.92 करोड़ के अनुदान संबंधित 102 उपयोगिता प्रमाण पत्र महालेखाकार उत्तराखंड को प्रस्तुत नहीं किए गए।