ब्रेकिंग : लगभग दस लोग लापता, पंद्रह मकान बहे।उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र मे भारी आपदा

ब्रेकिंग- उत्तरकाशी में फटा बादल! कई लोगों के मलबे में दबे होने और लापता होने की सूचना..
चिरंजीव सेमवाल, गरबीन भट्ट  ।। उत्तरकाशी।। 
उत्तरकाशी के सुदूरवर्ती ब्लॉक मोरी में रात को भारी बारिश के चलते गाड़-गधेरे उफान पर हैं।माकुड़ी , टिकोची , आराकोट है प्रभावित क्षेत्र।
 मोरी इलाके के आराकोट में 3 व्यक्ति व 1 मकान बहने की सूचना है। टिकोची में 4-5 लोग व कुछ गाड़ियां बहने की सूचना है। माकुड़ी में 2 लोग लापता हैं। मार्ग बहुत जगह बन्द है ।
 उक्त सूचना के संबंध में स्थानीय निवासी प्रवीण रावत द्वारा बताया गया कि टिकोची में 10 -15 मकान बह गए है। जनहानि नहीं है माकुड़ी में एक मकान दबा है व  02 व्यक्ति लापता हैं , आराकोट में 7 -8  मकान बह गए है व 03 लोग बह गए है।
मोरी के ग्राम पंचायत – मौण्डा खकवाड़ी तथा ग्राम- चिवां व ग्राम – गोकुल ग्राम – माकुड़ी में 5 से 7 लोग मलवे में दबने की ख़बर भी हैं तथा कुछ का पता नही चल पाया है,टिकोची बाजार में बादल फटने से पूरा बाजार टिकोची भूस्खलन की चपेट में आ गया तथा वहां पर खड़ी गाड़ियां भी पानी में बह गई।
 जिले मे पिछले 48 घंटों से रूक- रूक कर हो रही  झमाझम बारिश से मोरी के आराकोट, डगोली, माकुड़ी गांव में नाले उफान पर हैं। वहीं बारिश से जिला मुख्यालय का भी संपर्क टूटा चुका हैं।

शनिवार देर रात मोरी प्रखंड के आराकोट क्षेत्र में अतिवृष्टि से माकुड़ी, टिकोची, आराकोट एवं मौंडा गांव में भारी तबाही मच गई। ग्रामीणों के अनुसार इन गांवों के ऊपरी हिस्सों में बादल फटने से गाड़ गदेरों में उफान के साथ भारी मलबा आया। माकुड़ी गांव में सरोजनी देवी पत्नी उपेंद्र सिंह की मलबे में दबने से मौत की सूचना है। इसी गांव में चतर सिंह का मकान भूस्खलन के मलबे में दफन हो गया। इस घर में परिवार के पांच सदस्य मौजूद बताए जा रहे हैं।जिनका अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। मौंडा गांव की
प्रधान माया देवी एवं अक्षय चौहान ने बताया कि गांव के ऊपरी क्षेत्र में बादल फटने से गदेरे में आए उफान से यहां भारी नुकसान हुआ है। गांव में अव्वल सिंह चौहान, कौंर सिंह चौहान, रणवीर चौहान, मनीष चौहान आदि के सेब के बागीचे तबाह हो गए। चमन सिंह चौहान के मकान को भी भारी नुकसान पहुंचा है। मौंडा गांव के खक्वाड़ी एवं झोटाड़ी गांव में भी आपदा से भारी नुकसान
हुआ है। झोटाड़ी गांव में छत्रपाल चौहान का परिवार घर में ही फंस गया है।
आराकोट में नकोट गांव की ओर से आने वाले गदेरे में आए उफान से यहां कई मकानों में म‌लबा घुस गया। गदेरे से सटा मकान बहने से यहां रह रहे राइंका आराकोट के शिक्षक बृजेंद्र कुमार(57) एवं उनकी बेटी शीलू(25) के साथ ही
एक अन्य महिला के भी बहने की सूचना है। आराकोट में पाबर नदी के किनारे से शिक्षक का शव बरामद होने की सूचना मिल रही है। यहां पाबर नदी का पानी ईशाली गांव को जोड़ने वाले झूला पुल को छूते हुए बह रहा है। जिससे पुल पर भी खतरा मंडरा रहा है।
चिवां खड्ड में आए उफान में एक ट्रक बहकर पांच किमी दूर टिकोची पहुंचा।

टिकोची खड्ड में आए उफान से भारी मलबा टिकोची बाजार में घुस गया। यहां इंटर कालेज समेत कई सरकारी एवं व्यवसायिक भवन बाढ़ की भेंट चढ़ गए। रविवार तड़के हुई इस घटना के दौरान खतरा भांपते हुए ग्रामीणों ने अपने घर-दुकानें छोड़कर पहाड़ी पर चढ़कर अपनी जान बचायी। समाचार लिखे जाने तक भी बारिश का सिलसिला नहीं थमने और गदेरे में उफान के चलते ग्रामीण घरों
में लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। डगोली गांव निवासी सियाराम नौटियाल ने बताया कि उनके गांव पर भी खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों ने घर छोड़ कर पहाड़ी पर शरण ली हुई है।

अतिवृष्टि से गाड़ गदेरों में पानी के साथ भारी मलबा आने के कारण यहां पाबर नदी उफान पर बह रही है। त्यूणी देहरादून में टौंस नदी से संगम के बाद उफनती नदी से खतरे को देखते हुए देहरादून प्रशासन ने त्यूणी बाजार को खाली करा दिया है।
मोरी आराकोट क्षेत्र में आपदा की सूचना मिलते ही डीएम डा.आशीष चौहान ने बड़कोट, पुरोला और मोरी से राजस्व विभाग, एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की टीम को मौके पर रवाना कर दिया है। चकराता की ओर से सेना की मदद ली जा रही है।
डीएम ने आपदाग्रस्त क्षेत्र से नजदीकी को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के प्रशासन से भी राहत एवं बचाव कार्य के लिए संपर्क किया है।
डीएम डा.आशीष चौहान ने कहा कि क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण आपदा के हालात पैदा हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए टीमों को मौके पर भेज दिया गया है। आपदा में माकुड़ी एवं आराकोट से कुछ लोगों के लापता होने की सूचना मिली है। इसकी पुष्टि करायी जा रही है।
उत्तरकाशी जिले के मोरी प्रखंड में आराकोट बंगाण क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही की सूचना है। हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे टिकोची बाजार में भी गदेरे ने तबाही मचाई। कोची में स्कूल समेत कई भवन मलबे में दब गए हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर रवाना हो गई है।
उफान पर नदियां, त्यूनी में 35 परिवारों को शिफ्ट किया गया है।

भारी बारिश के बाद से अब अलकनंदा, पिण्डर, धोली,नंदाकनी, बालखिला नदियां उफान पर हैं। वहीं, सड़कों पर मलबा आने से चमोली में 19 सडकें भी बंद हैं। उत्तरकाशी में भी जिले के अधिकांश हिस्सो में सुबह से बारिश का सिलसिला जारी है। गंगोत्री राजमार्ग चुंगी-बड़ेथी के पास मलबा और पत्थर आने से बंद हो गया है।

वहीं, गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच भूस्खलन का खतरा देखते हुए यात्रियों को पड़ावों पर रोका गया है। सुबह 8 बजे तक गौरीकुंड से 230 श्रद्धालुओं ने धाम के लिए प्रस्थान किया था। बारिश के चलते रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर बना पुराना झूला पुल टूटा गया है।

त्यूनी में भी टोंस नदी के उफान पर पर आने से कई घर खतरे की जद में आ गए हैं। तहसील प्रशासन ने 35 परिवारों के घरों को खाली कराकर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। अपर जिलाधिकारी रामजी शरण ने बताया कि बादल फटने के कारण एक महिला मलबे में दब गई है। खतरे को देखते हुए त्यूनी बाजार को भी खाली कराया गया है।

बरसाती नाले में भारी उफान आने के बाद कई घरों पर खतरा मंडराने लगा है। वहीं सेब के बगीचों को भी भारी नुकसान पहुंचने की खबर हैं। लोगों ने उफान को देखते हुए अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण ली है।
इधरउधर जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने अधिकारियों की  आपात बैठक ली। मोरी क्षेत्र मे हुई तबाही से निपटने के लिये एसडीआरएफ, राजस्व टीम को मौके के पर पहुंच गई।
लोगों के खेत पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। इधर, त्यूणी बाजार में भारी उफान के कारण नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिससे बाजार को खतरा हो गया है। भारी बाढ़ के कारण बाजार को खतरा हो गया है।
हिमाचल में भारी बारिश के कारण भी हिमाचल से लगे क्षेत्रों की नदियों और नालों को जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिससे लोग दहशत में हैं। जिला मुख्यालय मैं बारिश से भारी भूस्खलन हो रहा हालत इस कदर हैं कि गंगोत्री राज मार्ग बडेथी, व मनेरा से बंद होने के चलते उत्तरकाशी का शेष भारत से संपर्क टूट गया। गंगोत्री- यमुनोत्री राजमार्ग पूरे तरह से बंद पड़े हैं दोनों तरफ से दर्जनों गाड़ियां फंसी हैं।
उत्तरकाशी के माकुड़ी गांव का जिले से संपर्क कटा है।
हिमाचल की सीमा से लगा है उत्तरकाशी का माकुड़ी गांव। हिमाचल प्रदेश से उत्तराखंड के अधिकारियों ने की बात। माकुड़ी गांव को जिले से जोड़ने वाला पुल पर आवाजाही रुकी हुई है। आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने उत्तरकाशी, चमोली के हालात पर मोर्चा संभाल रखा है।
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