योग गुरु बाबा रामदेव आजकल अपने योग से ज्यादा बयानों के कारण चर्चाओं में हैं।
साथ ही कुछ अभिभावकों का आरोप है कि आचार्यकुलम प्रबंधन ने उनके बच्चों को उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया था। प्रबंधन उनसे दो लाख रुपये मांग रहा था।
आपको बता दें कि, कुछ दिन पहले एलोपैथी बनाम आयुर्वेद को लेकर छिड़े संग्राम के बीच योगगुरु बाबा रामदेव के आचार्यकुलम पर बच्चों को छोड़ने से इनकार करने एवं दो लाख रुपये मांगने का आरोप लगा है।
रामदेव बाबा की आचार्यकुलम में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों ने प्रबंधन पर ऐसे गंभीर आरोप लगाए।
इसके बाद मदद के लिए छत्तीसगढ़ के सीएम आगे आए।
आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से आई टीम और अभिभावकों को हरिद्वार प्रशासन की मदद से बच्चे सौंप दिए गए हैं।बच्चे एवं उनके अभिभावक छत्तीसगढ़ के लिए गंतव्य कर चुके हैं।
पर्वतजन संवाददाता ने जब हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉक्टर आनंद भारद्वाज से बात की तो उन्होंने यह जानकारी दी एवं कहा कि, मुझे इस संदर्भ में लिखित शिकायत आई थी।
उन्होंने कहा कि, शासन ने इस संदर्भ में जब गुरुकुल प्रबंधन से बात की तो प्रबंधन ने कहा कि, बच्चों के अभिभावकों के पास आरटी पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट नहीं है। जिस वजह से बच्चों को उनके सुपुर्द नहीं किया गया।
वहीं जब अभिभावकों से संपर्क किया गया तो पता चला कि, उनमें से दो के पास आरटी पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट है एवं एक अभिभावक के पास नहीं है।
सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए लिखा” पतंजलि गुरुकुल में छत्तीसगढ़ के 4 छात्रों को बंधक बनाए जाने की शिकायत मुझ तक पहुंची थी ।गरियाबंद कलेक्टर एवं एसपी की पहल पर पर बंधक बनाए गए बच्चों को छोड़ दिया गया है। मैं बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।