धनंजय ढौंडियाल
दिसम्बर माह में विधान का शीतकालीन सत्र होना है जो देहरादून में ही आयोजित होगा,सत्र गैरसैंण में न होने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच अब तकरार भी देखने को मिल रही है। देखिए ये रिपोर्ट
गैरसैंण में साल में एक बार सत्र आयोजित करने का सिलसिला इस साल थमने जा रहा है जी हां इस साल सरकार ने अभी तक दो सत्र आयोजित किए है जो देहरादून में ही आयोजित हुए,ऐसे में कायास लगाएं जा रहे थे कि शीतकालीन सत्र सरकार गैरसैंण में आयोजित कराएंगी,विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने इसको लेकर सीएम से बात भी की और सीएम से मांग भी की कि गैरसैंण में दिसम्बर माह में होने वाला सत्र अयोजित कराया जाएं,लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का गैरसैंण में सत्र आयोजित कराने को लेकर 4 दिन की भीतर दोहरा रवया सामने आया है,गैरसैंण में विधानसभा अध्यक्ष के द्धारा सत्र कराएं जाने की मांग लेकर पहले मुख्यमंत्री ने जहां विधान सभा अध्यक्ष को निर्देश देने की बात की और फिर सत्र कराएं जाने की बात कही वहीं विधानसभा अध्यक्ष के द्धारा मीडिया के सामने सरकार को निर्देश देने के बाद मुख्यमंत्री के सुर बदल गए,अब मुख्यमंत्री का कहना है कि सत्र कहां कराना है ये सरकार को ही तय करना है,मुख्यमंत्री का कहना कि गैरसैंण में सर्दियों में सत्र कराने का अनुभव सही नहीं रहा है,कई विधायकों की उम्र अधिक है इसलिए उनकी बात को ध्यान में रखा गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान से साफ हो गया है कि सरकार दिसम्बर माह में गैरसैंण में सत्र कराने की पक्षधर नहीं है,ऐसमें विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि गैरसैंण में पहले से ज्यादा सुविधाएं जुटाली गई,पहले भी दिसम्बर माह में सत्र हुआ था तब व्यवस्थाएं कम थी और अब पहले से ज्यादा व्यवस्थाएं जुटा ली गई,विधानसभा अध्यक्ष कहना है कि वह खुद और उनकी पूरी विधान सभा गैरसैंण में सत्र कराने को लेकर तैयार है सरकार गैरसैंण में सत्र काराएं तो सही।
गैरसैंण में सत्र कराने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह राावत आमने सामने आ गए है,विधानसभा अध्यक्ष सत्र कराने को लेकर तैयार है तो मुख्यमंत्री को उम्र दराज विधायकों की ज्यादा चिंता संता रही है,लेकिन सवाल ये उठता है जब उम्र दराज विधायक 2017 के विधानसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए ठंड में भटक सकते है तो फिर जनता के मुदों के लिए क्यों गैरसैंण की सर्दी सहन नहीं सकते है और क्या जो लोग गैरसैंण में रह रहे है उन्हे दिसम्बर के महीने ठंड नहीं लगती है। जो गैरसैंण में सत्र कराने के लिए ठंड का बहाना बनाया जा रहा है।