सड़क निर्माण में धांधली की पुष्टि, अपर जिलाधिकारी ने दिए वसूली के आदेश
रिपोर्ट- अनुज नेगी
पौड़ी। प्रदेश के सबसे भ्रष्ट विभाग लोक निर्माण विभाग में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब अपर जिलाधिकारी का एक पत्र अधीक्षण अभियंता 12वां वित्त लोक निर्माण विभाग जे पास पहुंचा। मामला जनपद पौड़ी गढ़वाल के लोक निर्माण विभाग दुगड्डा का है, वर्ष 2015-16 में कोटद्वार तहसील परिसर में बनी सड़क भ्रष्ट अधिकारियों के नाकामियों के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
बता दें कि, वर्ष 2015-16 में लोक निर्माण दुगड्डा के द्वारा कोटद्वार तहसील प्रांगण में सड़क निर्माण का कार्य किया गया था, जिस पर समाजसेवी मुजीब नैथानी ने घोटाले का अनुमान जताते हुए जांच की मांग की थी। 26 नवंबर 2016 को तहसीलदार की अध्यक्षता में इसके लिए दो सदस्यी समिति गठित की गई। जिसमें तहसीलदार कोटद्वार को अध्यक्ष और सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा कोटद्वार को सदस्य नियुक्त किया गया था।
प्रकरण में छ्वाण सिंह रावत तहसीलदार कोटद्वार एवं एसएस रावत सहायक अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग कोटद्वार ने अपनी 28 दिसंबर 2016 की रिपोर्ट में बताया था कि, उपजिलाधिकारी आवास के सामने से मुख्य गेट से तहसील आवास तक जिसमें पूर्व में सीसी मार्ग बना हुआ था। उसके ऊपर 20 एमएम मोटाई का पीसी कार्य किया गया। जिसके बेस में सीसी कार्य होने की वजह से G, G2 और G3 नहीं डाला गया।
यह भी बताया गया था कि, तहसील परिसर के सड़क निर्माण में बेस में G1, G2 व G3 तथा उसके ऊपर 20 एमएम मोटाई की पीसी का कार्य किया गया है। सड़क के टॉप में सील कोर्ट के कार्य में कमी पाई गई। सड़क गुणवत्ता की परक नहीं है। सड़क के टॉप सील को फिर मौसम अनुकूल होने पर कार्य किया जाना आवश्यक है। लेकिन उक्त सील कोट दोबारा आज तक नहीं डाली गई। जांच के दौरान तकनीकी अधिकारी भी मौजूद थे। जांच में यह भी पता चला कि, सड़क निर्माण का कार्य 9 जनवरी 2017 से पूर्व हो गया था, किंतु पत्रावली में सलंग्न कॉन्टेक्ट बॉन्डों के अवलोकन में दूसरा बॉन्ड कार्य समाप्ति के बाद का है।
इधर अपर जिलाधिकारी ने सड़क में हुए घोटाले के मामले में रिकवरी और दोषियों पर कार्यवाही करने के आदेश जारी किये हैं। वही इस पत्र के बाद लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।