स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका दायर
– 14 दिसम्बर को होंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी सीएमओ भी उपस्थित
रिपोर्ट- कमल जगाती
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व के आदेश का पालन नही करने पर सचिव स्वास्थ्य और प्रदेश के सभी सीएमएसों को 14 दिसम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से व्यग्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा है। मामले की सुनवाई न्यायमुर्त्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार यूथ बार एशोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष सनप्रित अजमानी ने 2019 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि, हल्द्वानी सहित प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डेंगू से लड़ने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाए न के बराबर है। जिससे मरीजो को स्वास्थ्य लाभ नही मिल रहा है और लोग अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आये दिन अस्पताल कर्मियों और मरीजों के परिजनों के बीच झड़प हो रही है। एशोसिएशन ने यह भी आरोप लगाया था कि, अस्पतालों में पर्याप्त स्टाफ और मैडिकल की सुविधा उपलब्ध नही है इसलिए सरकारी अस्पतालों में स्टाफ व सुविधाओ की व्यवस्था की जाय, जिससे लोगो को स्वास्थ्य लाभ मिल सके। न्यायालय ने पूर्व में राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, मैडिकल स्टाफ और अन्य व्यवस्थाओं की व्यवस्था करें। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई व्यवस्था नही की और न ही न्यायालय के आदेश का अनुपालन किया गया। इससे परेशान होकर याची ने आज न्यायालय में सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी।