इंद्रजीत असवाल
पौड़ी
आज पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है समाजसेवी पुलिस प्रशासन स्वास्थ्य विभाग लगातार सेवा में जुटे हैं जनप्रतिनिधि लगातार क्षेत्रो में भ्रमण कर कोरन्टीन में रह रहे लोगों की मदद कर रहे हैं। इसमे सबसे बड़ी मुश्किल में ग्राम प्रधान आ रहे हैं, क्योंकि इनके पास न तो कोई बजट पंहुचा न कोई मदद, आखिर कैसे करें प्रधान कोरन्टीन में रह रहे लोगों की पूरी मदद !
राज्य सरकार ने ग्राम प्रधान के लिए 10 हजार की मदद की घोषणा की जो अब तक घोषणा ही है, धरातल पर नही उतरी है ।
आज हम आपको लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सभा किमार की महिला प्रधान कुमारी ममता की कहानी से रूबरू करवा रहे हैं।
ग्राम प्रधान ने अपने गांव में आ रहे प्रवासियों को स्कूल में कोरन्टीन किया और जब उनके घर वालों को सूचना दी कि उनके लिये भोजन की व्यवस्था करें तो घर वालों का जबाब था कि “प्रधान करेगी।”
अब प्रधान कहां से करे ! फिर जैसे तैसे प्रधान ने अपनी तरफ से उनके लिए पानी की व्यवस्था की, वो भी मजदूर लगाकर, फिर 20 किलो राशन भी दिया।
अब सोचने वाली बात ये है कि क्या इनके परिवार वाले इनके लिए 14 दिन की राशन नही दे सकते थे।
अब प्रधान का कहना है कि गांव वाले न तो कोरन्टीन में रहने वालों का सपोर्ट कर रहे हैं, न प्रधान जी का।
फिर कोरन्टीन में रहने वाले लोगों के घर वालों का कहना है कि यदि प्रधान उनके लिए हर प्रकार की व्यवस्था नही कर सकते तो उनको सीधे घर भेज दे। प्रधान बेचारी क्या करे ! गांव को बीमारी से बचाये तो कैसे !
राशन हम दे रहे हैं, ग्राम प्रधान के द्वारा अभी सूचना नही मिली है लेकिन अब मामला संज्ञान में आया है, उनको राशन उपलब्ध करवा दी जाएगी
—–बंदना टम्टा
राजस्व निरीक्षक कौड़िया 4
आज ब्लॉक द्वारा राशन वितरण की जा रही है। आज किमार में कोरन्टीन में रह रहे लोगों के लिए राशन पहुंचाई जा रही है
दीपक भंडारी
ब्लॉक प्रमुख ज़हरीखाल