उत्तरकाशी में अस्पताल जिला प्रशासन ने देर रात लगभग 12:00 बजे तक हंगामा हो गया जब वहां पर एक महिला और एक पुरुष प्रवासी को लाया गया तथा एक व्यक्ति के कोरोनावायरस पॉजिटिव आने के बाद बिना उसकी चादर बदले उसी बेड को इन प्रवासी को अलॉट कर दिया गया। इस एरिया को सैनिटाइज करने की तो बात ही बेमानी थी।
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इसको लेकर अस्पताल में मौजूद अन्य प्रवासियों ने हंगामा कर दिया।अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से नाराज क्वॉरेंटाइन प्रवासियों का कहना था कि उनको कहा जा रहा है कि सीनियर डॉक्टर से बात करो और सीनियर डॉक्टर कह रहे हैं कि नर्सों से बात करो। लेकिन उनकी कोई सुन ही ना रहा है।
इन सभी प्रवासियों को अस्पताल के एक हॉल में रखा गया था और अंदर से दरवाजा बंद किया गया था। जिसके बाद काफी बोलने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने नहीं सुनी तो फिर प्रवासियों ने इस प्रकरण की वीडियो भी बना ली और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश व्यक्त किया।
कोरोनावायरस संक्रमित मरीज से अन्य मरीजों को अलग रखने का कोई भी सुरक्षित तरीका अस्पताल प्रशासन नहीं अपना रहा है।
देहरादून क्वारंटाइन के भी बुरे हाल
देहरादून के स्टेडियम रह रहे प्रवासियों के भी इतने ही बुरे हाल है। वहां भी लोगों में सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है।
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इससे प्रवासियों में काफ़ी खौफ भी है। प्रवासियों का कहना था कि वह दो 2 महीने क्वॉरेंटाइन में रहकर आए हैं और अब यहां पर कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों के साथ उन्हें इतने असुरक्षित ढंग से रखा जा रहा है।
अन्य कोरंटीन सेंटर के भी हाल बदतर
बिल्कुल यही हाल अन्य जगहों पर रह रहे प्रवासियों ने भी व्यक्त किया। देहरादून के स्टेडियम मे पुणे महाराष्ट्र आए प्रवासियों ने क्वॉरेंटाइन सेंटर का हाल बताते हुए कहा कि कि वे अब तक सुरक्षित होकर आए हैं लेकिन उन्हें बिना सैनिटाइज किए हुए एक ऐसे क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है, जहां से पहले ही कई मरीज संक्रमित निकल चुके हैं लेकिन सैनिटाइजेशन की कोई व्यवस्था नहीं है।
ऐसे में उन्हें भी कोरोना हो जाएगा। प्रवासियों का कहना था कि वह अब तक दो ढाई महीने से बिल्कुल सुरक्षित थे और अब जिस तरीके के उत्तराखंड सरकार की व्यवस्थाएं हैं, उससे तो लगता है कि सरकार उन्हें इसी सेंटर में मारना चाहती है। वहां पर मौजूद ड्यूटी का स्टाफ भी यही कह रहा है कि उनके पास खुद के लिए ही ही कोई व्यवस्थाएं नहीं है।
प्रवासियों ने उत्तराखंड सरकार की अव्यवस्थाओं के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला।