स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कड़क आदेशों के बावजूद नैनीताल के बी.डी.पाण्डे अस्पताल का मेडिकल वेस्ट रिहायशी क्षेत्र के कूड़े के साथ निस्तारित किया जा रहा है । अस्पताल के पीछे सार्वजनिक कूड़ादान में इंजेक्शन सिरिंज, कोविड टैस्ट किट, कोविड संक्रमण से जुड़ा अन्य सामान्य, मैक्स लाइन टी पी रैपिड टेस्ट किट, एच.आई.वी.टेस्ट किट, उतारा हुआ प्लास्टर समेत काफी खतरनाक सामान यहां कूड़ेदान में कैमरे में कैद हुआ है । क्षेत्र के लोग अब इसका विरोध कर रहे हैं ।
नैनीताल के मल्लीताल में बी.डी.पांडे मेल एयर फीमेल अस्पताल है । इसके ठीक पीछे अवागढ़ का अत्यधिक भीड़ वाला रिहायशी क्षेत्र है । यहां का सामान्य कूड़ा बी.डी.पांडे अस्पताल के पीछे के आम कूड़ेदान में फेंका जाता है ।
इस कूड़े में अस्पताल का बायो मेडिकल वेस्ट दिखने के बाद हड़कंप मच गया, क्योंकि यहां कबाड़ी, गाय, बंदर और कुत्तों के अलावा आम आदमी का भी आना जाना होता है । इससे क्षेत्र में तरह तरह के गंभीर संक्रमण फैलने की संभावना हो गई ।
उच्च न्यायालय के 2018 के एक आदेश के बाद बायो मेडिकल वेस्ट का कूड़ा निस्तारण गदरपुर की ग्लोबल वेस्ट मैनजमेंट सॉल्यूशन कंपनी द्वारा किया जाता है जो अनियमित है ।
वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खण्डपीठ ने 10 जुलाई 2018 में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मेडिकल वेस्ट पर एक कड़क आदेश सुनाया था ।
न्यायालय ने बायो मेडिकल वेस्ट के मामले में सभी संबंधित विभागों से कहा था कि वो कूड़े को सुरक्षित और हवादार थैलों में ही रखें ।
न्यायालय ने कहा है कि सभी लैब कूड़े, माइक्रो बियोलॉजी कूड़ा, ब्लड सैंपल और ब्लड पैकेट व अन्य कूड़ा को ट्रीटमेंट कराकर वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन(डब्ल्यू.एच.ओ.)के नियमानुसार ही निस्तारित करें ।
न्यायालय ने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट और सामान्य कूड़े को आपस में मिलाया नहीं जाना चाहिए । न्यायालय ने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट उठाने वाले कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए और इसे समय से उठाया जाए ।
न्यायालय ने बायो मेडिकल वेस्ट का नियमों से निस्तारण नहीं करने वाले चिकित्सालयों और नर्सिंग होम के खिलाफ सरकार को कार्यवाही करने को कहा है ।
न्यायालय ने सभी चिकित्सालयों और नर्सिंग होम को बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट का प्रतिदिन के आधार पर ब्यौरा रखते हुए अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शन करने को कहा है ।
कूड़ा देखने के बाद लोगों की शिकायत पर जब स्वास्थ्य निदेशक शैलजा भट्ट से बात की गई तो उन्होंने जांच की बात कही । मामले की गंभीरता देखते हुए निदेशक खुद ही कूड़ादान में जांच के लिए पहुंच गईं और उन्होंने स्वच्छता मित्र को इसके लिए डांट भी लगा दी ।