– विशेषज्ञों की देखरेख में वैज्ञानिकता की कसौटी पर कसे गए छात्र
बायोइन्फॉर्मेटिक्स के क्षेत्र में उत्तराखंड के युवाओं के बीच वैज्ञानिक ज्ञान और कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में यूसर्क के सहयोग से आयोजित ट्रेनिंग कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हो गयी, जिसमें राज्य से चयनित छात्रों को वैज्ञानिकता की कसौटी पर कसते हुए भविष्य के लिए तैयार किया गया।
उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रीसर्च सेंटर (यूसर्क) और देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित बायोइन्फॉर्मेटिक्स पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न हो गयी। पांच दिवसीय बायोइन्फॉर्मेटिक्स प्रशिक्षण कार्यशाला राज्य में पहली बार आयोजित की गयी, जिसमें उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से चुने गए स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया। इस सर्टिफिकेट प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को जीनोमिक विश्लेषण की समग्र समझ प्रदान करना था, जिसमें जीनोम असेंबली, जीनोम का एनोटेशन, और जीनोमिक विशेषताओं के विश्लेषण जैसे कई विषयों को शामिल किया गया। इस दौरान देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के डीन, रिसर्च एंड इनोवेशन प्रोफ़ेसर डॉ नबील अहमद और डॉ निर्जरा सिंघवी ने ट्रेनर एक्सपर्ट के तौर पर बायोइन्फॉर्मेटिक्स और जीनोमिक विश्लेषण से संबंधित आवश्यक जानकारियां प्रदान करते हुए सैद्धांतिक अवधारणाओं और व्यावहारिक अनुप्रयोगों के माध्यम से मार्गदर्शन किया और हैंड्स-ऑन सत्रों ने छात्रों को बायोइन्फॉर्मेटिक्स उपकरणों और तकनीकों में एक ठोस आधार विकसित करने में मदद की ताकि भविष्य में शैक्षणिक और शोध कार्यों के लिए आवश्यक गुर हासिल हो सकें। आखिर में प्रतिभागी छात्रों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को भविष्य के लिए लाभकारी बताया और विशेषज्ञों से विचार विमर्श को सफलता की सीढ़ी करार दिया। इस अवसर पर यूसर्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक ओम प्रकाश नौटियाल ने छात्रों को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र वितरित किये। विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने कहा कि इस तरह की पहल नयी पीढ़ी को सशक्त बनाने में ज़रूरी भूमिक निभाते हुए वैज्ञानिक खोज और नवाचार को बढ़ावा देती है। इस मौके पर उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ संदीप शर्मा, डीन रीसर्च एंड इनोवेशन डॉ नबील अहमद, डॉ निर्जरा सिंघवी सहित शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे।