उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के लिए शोध प्रकाशन की अनिवार्य वैद्धता को देखते हुए देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में शोध और उनके प्रकाशन पर आधारित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की पीएचडी और उनके शोध प्रकाशन की अनिवार्यता को देखते हुए मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका विषय था “वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शोधपत्र-लेखन, प्रकाशन की नैतिकता और अवसर”।
इस दौरान जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी के डॉ. सईद अहमद ने शोध कार्य और सरकार द्वारा शोध कार्यों की फंडिंग के लिए आवश्यक विषय वस्तु पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि शोध की विषय-वस्तु पर मंथन करने की आवश्यकता है| इसके अलावा अगर शोध कार्य वाकई विशिष्ट है तो सरकार इसकी फंडिंग अवश्य करेगी परन्तु शोध कार्य की रूपरेखा, प्रमाणिकता और प्रस्तुतिकरण दिशा निर्देशों के अनुरूप होना आवश्यक है।
वहीं, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर मांगे राम स्वामी ने शोध पत्रिकाओं और उनके प्रकाशन पर प्रकाश डाला।इसके अलावा वैज्ञानिक लेखन और नैतिकता विषय पर अपने विचार रखे साथ ही शिक्षकों की शंकाओं का निवारण किया।कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संजय बंसल और उपकुलाधिपति श्री अमन बंसल की देखरेख में संपन्न हुआ।
इस दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर प्रीति कोठियाल, उपकुलपति डॉ. आरके त्रिपाठी, मुख्य सलाहकार डॉ. एके जायसवाल एवं सभी शिक्षकगण उपस्थित थे।