नयी शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए आधुनिक शैक्षिक तकनीकी के बेहतर उपयोग पर बल देते हुए देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम की शुरुआत हुयी, जिसमें छात्रों के चहुमुखी विकास हेतु शिक्षकों द्वारा तकनीक आधारित शिक्षा के उपयोग पर विचार मंथन किया जा रहा है।
सोमवार को मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में सेंट्रल फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टीचिंग एंड लर्निंग द्वारा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एनआईटीटीटीआर), चंडीगढ़ के प्रयास से दस दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एनआईटीटीटीआर, चंडीगढ़ में डिपार्टमेंट ऑफ़ मीडिया इंजीनियरिंग के हेड प्रोफेसर एसएस पटनायक ने नयी शिक्षा नीति की मुख्य विशेषताओं से अवगत कराते हुए छात्रों के चहुमुखी विकास हेतु हुनर और प्रयोग आधारित तकनीकी शिक्षा के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए डिजिटल तकनीकी को हथियार बनाकर चुनौतियों से लड़ना होगा। इसके अलावा उन्होंने नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर भी प्रकाश डाला। वहीं, उदघाटन अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने कहा कि शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी आधारित ज्ञान के प्रसार हेतु स्वयं को दक्ष बनाना होगा। तभी छात्र चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। दस दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में प्रभावी पाठ्यक्रम हेतु प्रौद्योगिकी, दृश्य माध्यम हेतु प्रभावी वीडियो निर्माण, ब्लूम टेक्सोनोमी, एमओओसी हेतु प्रभावी प्रस्तुतीकरण, कैमरा के उपयोग और तकनीक, एआर के माध्यम से शिक्षा को सशक्त बनाने, वर्चुअल प्रयोगशाला, एसडब्लूओटी एनालिसिस आदि विषयों पर चर्चा की जायेगी। कार्यक्रम के दौरान वक्ता के तौर पर प्रो सुनील दत्त, अनुराग सोनी, डॉ सुनीति दत्त, इंजीनियर कमलदीप सहित विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, डीन एकेडेमिक्स अफेयर्स डॉ संदीप शर्मा, मुख्य सलाहकार डॉ एके जायसवाल, रजिस्ट्रार डॉ पंकज राणा, सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।