रिपोर्ट / अमर सिंह धुनता
उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने पदों पर अपने लोगो की भर्ती करने के लिए शिक्षा विभाग के नियमों के नियमों को ही बदल डाला ।उत्तराखंड शिक्षा विभाग अपने लोगों को फिट करने के लिय किस किस तरह के हथकंडे अपनाता है।
देहरादून स्थित सैंट एगनेस इंटर कालेज में एक ऐसे पद पर नियुक्ति कर दी गई,जो पद उत्तराखंड शिक्षा अधिनियम 2009 में परिभाषित ही नहीं है। कहते हैं न कि, अधिक होशियार व्यक्ति कोई न कोई गलती कर ही देता है यहां भी ऐसा ही हुआ।
दिनांक 27-4-16 को मेनेजमेंट सेंट एगनेश इंटर कालेज देहरादून द्वारा विज्ञप्ति प्रकाशित की गई जिसमें एक सहायक अध्यापिका कला,एक सहायक अध्यापिका गणित,एक सहायक अध्यापिका विज्ञान के लिए आवेदन पत्र मांगे गए। चुंकि अपने खास को फिट करना था इसलिए खेल की शूरुआत दिनांक 6-5-16 को पूर्व में प्रकाशित विज्ञप्ति में संशोधन किया गया कि त्रुटिवश सहायक अध्यापिका विज्ञान प्रकाशित हो गया था के स्थान पर विज्ञान/गणित पढ़ा जाये।
विज्ञान/गणित विषय का कोई पद उत्तराखंड शिक्षा अधिनियम मे परिभाषित नहीं है।गणित के लिए पी सी एम व विज्ञान के लिय सी बी जैड विषयों के साथ स्नातक व बी एड होना आवश्यक है।
मेनेजमेंट सेंट एगनेश इंटर कालेज देहरादून द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून के पत्र के साथ कूटरचना की गई। मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून का पत्र दिनांक 19 मार्च 2015 जिसमें उन्होंने रिक्त पदों को प्रकाशित करने की अनुमति दी थी।उसके पेज नंबर दो पर मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून के दिनांक 19-02-16 के हस्ताक्षर दिखाते हुए विज्ञान विषय को विज्ञान/गणित विषय में संशोधित कर सुमन कुमारी की नियुक्ति कर दी गई। सुमन कुमारी बी एस सी व एम एस सी गणित विषय से है।
विज्ञान विषय हेतु सुमन कुमारी क्वालिफाइड ही नहीं है। जो बच्चे वनस्पति विज्ञान, जन्तु विज्ञान,जीव विज्ञान विषय के हैं उन्हें गणित विषय की अध्यापिका कैसे पढ़ा सकती है ये तो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।फिर कहते हैं कि बोर्ड का रिजल्ट अच्छा हो।