पत्नी गांव से जिला पंचायत अध्यक्ष। पति शहर से पार्षद। रिकार्ड तलब, कुर्सी पे संकट
मामला नैनीताल जिले का है, जहां पर भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया हल्द्वानी के ग्रामीण क्षेत्र से निर्वाचित होकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं तो वहीं उनके पति प्रमोद तोलिया शहरी क्षेत्र से नगर निगम हल्द्वानी के पार्षद बने हुए हैं।
सूचना के अधिकार में खुलासा
सूचना के अधिकार के दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हुआ है कि पति पत्नी दोनों एक साथ ही रहते हैं और इनके द्वारा भरी गई आइटीआर से लेकर आधार कार्ड तक में शहर का ही पता दिया हुआ है। यहां तक कि पत्नी बेला तोलिया ने अपना वोट भी पति के पार्षद के चुनाव में हल्द्वानी शहर में ही दिया था। जबकि खुद चुनाव लड़ने के लिए अपना नाम ग्रामीण क्षेत्र में भी दर्ज करा लिया। और वहां से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष भी बन गई।
राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत
इसकी शिकायत जब राज्य निर्वाचन आयोग में की गई तो राज्य निर्वाचन आयोग ने 17 दिसंबर 2019 को नैनीताल के जिला अधिकारी को जांच करने के आदेश दिए थे।
नैनीताल के जिलाधिकारी ने भी अगले ही दिन 18 दिसंबर को यह जांच मुख्य विकास अधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम हल्द्वानी को सौंप दी थी।
तब से लेकर अब तक यह जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।
ठंडे बस्ते मे जांच
यहां तक कि एक बार दोबारा से राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारी नैनीताल को पत्र लिखकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन मामला सत्ताधारी पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष से जुड़ा होने के चलते फाइल एक इंच भी आगे नहीं सरकी है। अब जीरो टॉलरेंस की सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर यह जांच 7 महीने से ठंडे बस्ते में क्यों पड़ी हुई है ! क्या कार्यकाल पूरा होने का इंतजार किया जा रहा है !
उठे सवाल
सामाजिक कार्यकर्ता लीला देवी ने भी इस निर्वाचन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत और नगर निकाय कानून के तहत बेला दंपत्ति का निर्वाचन असंवैधानिक है। गौरतलब है कि इन कानूनों के तहत जिला पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में वोटर लिस्ट में नाम होना जरूरी है और नगर निकाय का चुनाव लड़ने के लिए शहरी क्षेत्र की वोटर लिस्ट में नाम दर्ज होना आवश्यक है। गौरतलब है कि इन दोनों का स्थाई निवास लोहारिया साल तल्ला बिठौरिया नंबर एक हल्द्वानी में है। और दोनों ने वित्तीय वर्ष दो हजार अट्ठारह उन्नीस का इनकम टैक्स रिटर्न में भी यही पता दिया है। इनके आधार कार्ड में भी यही पता दिया गया है। यही नहीं यह दोनों नगर निगम इलाके के वोटर हैं।
शहर मे पति को वोट देकर गयी गांव
पति के पार्षद के चुनाव में बेला तोलिया ने भी यहीं से वोट किया है। बेला तोलिया ने मतदाता सूची भाग संख्या तीन में दर्ज क्रमांक 2636 के तहत हेड़ा खान राजकीय इंटर कॉलेज कठघरिया में वोट दिया था, जबकि पति ने इसी मतदान केंद्र में मतदाता क्रमांक 2635 में वोट किया था। नगर निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव में बेला तोलिया ने अपना नाम पीपलखेड़ा नंबर 2 की मतदाता सूची में दर्ज कराया। इस सूची में इनका नाम क्रम संख्या 17 11 में दर्ज है। बेला तोलिया ने पंचायत चुनाव के समय यह तथ्य स्पष्ट नहीं किया कि उनका नाम नगर क्षेत्र की वोटर लिस्ट में नहीं है। गौरतलब है कि एक्ट के अनुसार एक व्यक्ति एक ही नाम से एक से अधिक जगह पर अपना नाम वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं करा सकता है।
आरोप झूठे : पार्षद प्रमोद तोलिया
हालांकि प्रमोद तोलिया का कहना है कि उन पर “लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं और इस तरह के मामले पहले भी सामने आए थे लेकिन उनमें सच्चाई नहीं है।” उनका कहना है कि उनकी “पत्नी पीपलखेड़ा नंबर 1 और वह बिठौरिया के वोटर हैं। पीपलखेड़ा ग्रामीण क्षेत्र में है और बिठौरिया नगर क्षेत्र में है।” बहरहाल हकीकत आधिकारिक तौर पर जांच कमेटी की जांच के बाद ही सामने आ पाएगी, लेकिन यह जांच कमेटी कब तक जांच करेगी यह देखने वाली बात है। फिलहाल तो राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दुबारा निर्देश देने के बावजूद और 7 महीने से जांच लंबित होने के चलते जांच कमेटी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।