देहरादून, 7 जुलाई 2025: देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल को उनकी असाधारण निर्णय क्षमता, जनसेवा के प्रति समर्पण और उत्कृष्ट कार्यशैली के लिए प्रतिष्ठित “लोकरत्न हिमालय सम्मान” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें पर्वतीय बिगुल सामाजिक सांस्कृतिक संस्था द्वारा संस्था के 29वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदान किया गया।
समारोह में डीएम बंसल को रणसिंघा और ढोल-दमाऊ के प्रतीक चिन्ह, अभिनंदन पत्र और शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, प्रसिद्ध गायिका मीना राणा, राज्य आंदोलनकारियों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान लोक कलाकारों ने पारंपरिक लोकगीतों की सुंदर प्रस्तुतियां दीं, जिससे प्रेक्षागृह में सांस्कृतिक उल्लास का माहौल बना रहा।
डीएम बंसल के उल्लेखनीय कार्य
कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष और प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक प्रदीप भंडारी ने डीएम बंसल के कई असाधारण कार्यों की जानकारी दी, जिनमें शामिल हैं:
- स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में सुधार,
- भिक्षावृत्ति मुक्ति अभियान के तहत 132 बच्चों को स्कूल भेजकर नया जीवन देना,
- बुजुर्गों व दिव्यांगों के लिए नि:शुल्क सारथी वाहन सेवा की शुरुआत,
- दशकों से लंबित भूमि विवादों का समाधान,
- एक विधवा महिला का मकान मात्र 3 दिनों में बैंक के कब्जे से मुक्त कराना,
- आईएसबीटी क्षेत्र में जलभराव की समस्या का समाधान,
- राज्य आंदोलनकारियों को सम्मान व हक दिलाना,
- और जनता से सीधे संवाद में सहजता, संवेदना और सम्मान का भाव।
ये सभी कार्य आज जिलाधिकारी को एक जनप्रिय और संवेदनशील प्रशासनिक अधिकारी के रूप में स्थापित करते हैं।
डीएम सविन बंसल का वक्तव्य
सम्मान ग्रहण करते हुए डीएम सविन बंसल ने पर्वतीय बिगुल संस्था और उत्तराखंड की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा:
“मैं इस सम्मान का ऋण कैसे चुकाऊंगा, यह मैं नहीं जानता। यह केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने की जिम्मेदारी है।“
उन्होंने इस सम्मान को अपने सहयोगी अधिकारियों, कर्मचारियों, मीडिया प्रतिनिधियों और सामाजिक संस्थाओं को समर्पित किया जो जनसेवा की भावना से कार्य कर रहे हैं।
समाज में नैतिक चेतना की आवश्यकता
डीएम ने आज के दौर में तेजी से फैल रहे सामाजिक विकारों पर चिंता जताई और बच्चों को लोक संस्कृति, परंपरा, परिवार और समुदाय से जोड़ने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा:
“किसी भी बच्चे का पहला प्रशिक्षण संस्थान उसका परिवार होता है। लेकिन आज हम बुजुर्गों और अपने समुदाय से कटते जा रहे हैं, जिससे सामाजिक असंतुलन बढ़ रहा है।”
“हमें बच्चों को अपनी लोक संस्कृति से जोड़कर उन्हें मजबूत और जागरूक नागरिक बनाना होगा।“
अन्य वक्ताओं ने की सराहना
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, मीना राणा, जगमोहन नेगी, भूपेंद्र कंडारी व अन्य वक्ताओं ने डीएम बंसल के कार्यों की सराहना की और उन्हें बधाई दी।
इससे पूर्व मीना आर्य और हेमंत बुटोला की टीम ने पारंपरिक लोकगीतों की सुंदर प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम का संचालन मोहसिन अहमद तन्हा और रवि सिंह ने किया। प्रेक्षागृह में जिले के अनेक गणमान्य नागरिक, समाजसेवी, साहित्यकार और संस्थाओं के प्रमुख मौजूद रहे।