देहरादून, जुलाई 2025 (सू.वि.)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आधुनिक उत्तराखंड के विजन को साकार करते हुए देहरादून जिला प्रशासन ने शहर में ऑटोमेटिक मैकेनिकल पार्किंग प्रणाली को मूर्तरूप दे दिया है।
जिला अस्पताल कोरोनेशन, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड में बनी इन अत्याधुनिक पार्किंग सुविधाओं का लोकार्पण जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा।
जिला प्रशासन के इस अभिनव प्रयास से शहरवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। प्रशासन ने छोटे भूखंडों पर कुल 246 वाहनों की क्षमता वाली यह स्वचालित पार्किंग तैयार की है।
- तिब्बती मार्केट: 132 वाहन
- परेड ग्राउंड: 96 वाहन
- कोरोनेशन अस्पताल: 18 वाहन
कोरोनेशन अस्पताल में शुरू हुई पार्किंग सेवा
कोरोनेशन अस्पताल में ऑटोमेटिक पार्किंग सेवा का संचालन शुरू हो चुका है। यहां अस्पताल स्टाफ के वाहन अब स्वचालित प्रणाली से पार्क हो रहे हैं, जिससे मरीजों और तीमारदारों के लिए ग्राउंड लेवल पर अतिरिक्त जगह उपलब्ध हो रही है।
पार्किंग में तकनीकी ऑपरेटर और बीमा कवर की सुविधा
जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशन में इन पार्किंग स्थलों पर तकनीकी रूप से प्रशिक्षित ऑपरेटरों की तैनाती की गई है। साथ ही वाहनों को किसी भी प्रकार की क्षति की स्थिति में बीमा कवर की सुविधा भी सुनिश्चित की गई है। इससे वाहन चालकों को अतिरिक्त सुरक्षा और विश्वास मिलेगा।
जिलाधिकारी का प्रयोग बना मॉडल
जिलाधिकारी बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने इन सुविधाओं की टेस्टिंग और ट्रायल कमिशनिंग पूरी कर ली है। अब यह पहल शहर में यातायात दबाव को कम करने और पार्किंग की समस्या के स्थायी समाधान के रूप में देखी जा रही है। पार्किंग सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें अन्य स्थानों पर भी स्थानांतरित किया जा सकता है।
अन्य स्थानों पर भी संभावनाएं तलाश रहा प्रशासन
प्रशासन शहर के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की मल्टीलेवल ऑटोमेटिक पार्किंग विकसित करने की संभावनाएं तलाश रहा है। कम जगह में अधिक वाहनों के लिए पार्किंग उपलब्ध कराने वाली यह प्रणाली देहरादून जैसे तेजी से बढ़ते शहर के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री करेंगे जल्द लोकार्पण
तीनों ऑटोमेटिक पार्किंग सुविधाओं का मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जल्द ही लोकार्पण कर इन्हें जनता को समर्पित करेंगे। यह पहल उनके आधुनिक, सुगम और स्मार्ट उत्तराखंड की परिकल्पना को हकीकत में बदलने का महत्वपूर्ण कदम है।