भौतिक विभाग हे.न.ब. गढ़वाल विश्वविद्यालय के डा0 आलोक सागर गौतम को वर्ष 2019 का पर्यावरण विशेषज्ञ का सम्मान मिला।
भौतिक विभाग के डा0 आलोक सागर गौतम को वर्ष 2019 का पर्यावरण विशेषज्ञ से सम्मानित किया गया इलाहाबाद विश्विद्यालय प्रयागराज में सोमवार (24 फरवरी) को अन्र्तराष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में देश विदेश के पर्यावरण विद् की उपस्थिति में उन्हें यह सम्मान दिया गया।
डाॅ0 गौतम ने बताया है कि यह अन्र्तराष्ट्रीय सम्मेलन इलाहाबाद विश्विद्यालय प्रयागराज इटंरलेशलन फाउडेशन फार एनवायरमेंट एंड इकोलोजी कोलकाता और फान्फेडरेशन आफ इन्डियन यूनीवर्सिटीस (ब्प्न्) नई दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित किया गया।
डा0 गौतम को यह पुरस्कार /सम्मान इटंरलेशलन फाउडेशन फार इकोलोजी एंड एंडएनवायरमेंट (आई0एफ0एफ0ई0ई0) कोलकाता की तरफ से वायु गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिये दिया गया है। डा0 गौतम को डा0 चन्द्र मोहन वैज्ञानिक जी और सलाहकार प्रधानमत्री कार्यालय विज्ञान, और प्रौद्योगिकी मत्रांलय भारत सरकार, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 आर0के0पी0 सिंह, एस0के0एम0 दुमका के प्रतिकुलपति डा0 हनुमान प्रसाद शर्मा, बांग्लादेश के फिसरी विश्वविद्यालय ढाका के प्रो0 विनय कुमार चक्रवर्ती आई0ए0एस0आर0 कोलकाता के अध्यक्ष डा0 तन्मय रुद्रा और समायोजन समिति के समन्वयक डा0 अरुणेश गुहा ने संयुक्त रुप से वर्ष 2019 का पर्यावरण विशेषज्ञ के खिताब से सम्मानित किया गया इस अवसर पर उन्हें इटंरलेशलन फाउडेशन आॅफ इकोलोजी एंव एंडएनवायरमेंट का आजीवन सदस्य बनाया गया।
डा0 गौतम गढ़वाल घाटी और आस-पास के क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता पर शोध कर रहें है। डी0 एस0ही0 और एस0ई0आर0वी0 शोधा परियोजनाओं पर लगातार शोध कर रहें है। और वर्ष 2018 में भारत की सबसे ऊंची प्रयोगशाला हिमालय क्लाउड आवजरनेटरी स्थापित की है जिसमें निरन्तर जारी है।
गौरलतव है कि डाॅ0 गौतम को अपने शोध कार्य के लिए यूकास्ट देहरादून से युवा वैज्ञानिक सम्मान भारतीय उदीयमान सम्मान, इस्टीट्यूट फार स्कालर्स से रिसर्च एक्सीलेन्स अवार्ड समेत अन्य जगहों से फैलोशिप एवं अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
डा0 गौतम ने बताया है कि सम्मेलन में सोर्स एपान्डपेंट आफ एटमास्फीरिफ पाल्यूटेंट ओवर गढ़वाल वैली पर शोध प्रस्तुत किया जिसको देश विदेश के वैज्ञानिकों ने खूब सराहा।
डा0 गौतम ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति, विश्वविद्यालय प्रशासन और विभागाध्यक्ष, भौतिक विभाग के सहयोग से यह सब सम्भव हुआ है। वहीं इस अवसर पर डा0 गौतम को विश्वविद्यालय परिवार ने बधाई दी है।