नित नई लापरवाहियों को लेकर चर्चा में रहने वाले गढ़वाल विश्वविद्यालय की चर्चा अब नई तरह की लापरवाही को लेकर होने लगी है।
गढ़वाल विश्वविद्यालय ने विज्ञान स्नातक की डिग्री जारी की है जिसमें एक स्नातक को दो बार केमिस्ट्री विषय अंकित किया गया है।
मजेदार बात यह है कि इसमें नीचे कुलपति साहब के साइन भी हैं।… तो क्या कुलपति ने भी एक बार इस डिग्री पर नजर नहीं डाली होगी !
विज्ञान स्नातक प्रकाश चमोली को सर्टिफिकेट देते हुए हिंदी में तो रसायन विज्ञान, प्राणी विज्ञान और वनस्पति विज्ञान लिखा गया है, किंतु इंग्लिश में बॉटनी के अलावा अन्य दो सब्जेक्ट केमिस्ट्री ही रिपीट किए गए हैं।
डिग्री को जारी करने से पहले परीक्षा नियंत्रक और अन्य दो- तीन अधिकारियों के द्वारा भी चेक किया जाता है। अब आप समझ सकते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन डिग्रियां जारी करने में कितना गंभीरता अपनाता है !
इससे पहले भी एक बार गढ़वाल विश्वविद्यालय प्रशासन डिग्री के फॉर्मेट में हिंदी वाले भाग में उपाधि लिखना भूल गया था। फिर विश्वविद्यालय प्रशासन ने नए फॉर्मेट छपवाए थे।
एक तो डिग्री हासिल करने के लिए छात्रों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है, आवेदन करने के बावजूद कई चक्कर लगाने पड़ते हैं, उस पर भी अगर डिग्री में इस तरह से छप जाए तो डिग्री किसी काम की नहीं रहती। फिर दोबारा से एड़िया घिसते रहो !
एक तथ्य यह भी है कि डिग्री के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन भी कर दी है। अब छात्रों को उसके लिए भी बाजार में भटकना पड़ता है। एक तरह से यह पूरी प्रक्रिया ही चरमरा रखी है।
जाहिर है कि गढ़वाल विश्वविद्यालय को एक बार अपनी काम की गंभीरता और गरिमा का प्रशिक्षण दिलाए जाने की जरूरत महसूस हो रही है।