रिपोर्ट – राजकुमार सिंह परिहार
बागेश्वर जिला पंचायत में बजट बाँटने को लेकर विपक्ष के सदस्यों द्वारा पन्द्रह जून से धरना प्रदर्शन चलाया जा रहा है। आज धरने के नौवे दिन पर पहुँचते ही जिला जिला पंचायत कार्यालय में छटपटाहट का माहौल नजर आया। एक दिन में जिला पंचायत बागेश्वर को मिले 3 अपर मुख्य अधिकारी।
आपको बताते चलें कि, जिला पंचायत में पिछले लम्बे समय से जिला पंचायत उपाध्यक्ष के नेतृत्व में 8 सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष के 55% विवेकाधीन एवं बजट की बन्दरबाँट के आरोप के साथ धरने पर बैठे हुए हैं।
पहले धरने के दिन कार्यवाहक अपर मुख्य अधिकारी डॉ सुनील कुमार सभी सदस्यों को समय देने के बाद छुट्टी पर चले गए थे। फिर तीन-चार दिन के बाद वह कार्यालय पहुँचे और धरने पर बैठे सदस्यों को मनाने की कोशिश करते नजर आये।परन्तु धरने पर बैठे सदस्यों ने उनकी एक न सुनी और अपने क्षेत्र के विकास के लिए आए धन को अपने ही क्षेत्र में खर्च करने को लेकर बात करते रहे।
अध्यक्ष के ५५% विवेकाधीन कोष का विरोध करते रहे। जब कहीं से कोई बात बनती नजर नही आई तो अपर मुख्य अधिकारी कहने लगे की यह मेरी पहली नियोजन समिति की बैठक थी मुझे इसकी ज़्यादा जानकारी नही थी आगे ऐसा कुछ भी नही होगा, आप मुझ पर भरोसा रखिए।
परन्तु धरने में बैठे सदस्यों ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उसके बाद उन्होंने अपनी माँगो को लेकर आरोप पत्र तहसीलदार नवाजिस खलिक के माध्यम से जिलधिकारी को सौंपा। उस पत्र पर कार्यवाही करते हुए मुख्य विकास अधिकारी बागेश्वर ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर आज दिनांक 24-06-21 को अपराहन 3:30 पर समस्थ सम्बंधित अभिलेखों के साथ कमेटी के सामने उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया था।
जब आज सुबह वह आदेश पत्र कार्यालय को प्राप्त हुआ तो अपर मुख्य अधिकारी छुट्टी पर चले गए और अपना चार्ज हरीश सिंह गाड़िया, कार्यधिकारी को दे गये। उसके बाद जब गाड़िया को इस पूरे जांच प्रकरण का पता चला तो वह भी जिला पंचायत कार्यालय में अपना मेडिलकल देखर छुट्टी चले गये। उसके बाद इनिनियर एस पी कोठियाल को चार्ज की चर्चा होने लगी परन्तु उनसे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि, अभी तक उन्हें कोई चार्ज सम्बंधित आदेश प्राप्त नही हुआ है।
कही सीड़ीओ कार्यालय से प्राप्त जांच पत्र तो नही है एक दिन में तीन-तीन एएमए बदलने का कारण, यह तो जांच का विषय है। यह बात आग की तरह चारों तरफ़ फैलने लगी है कि, अब तक तो लोग इसे विपक्ष की राजनीति समझ रहे थे लेकिन यह तो सच में वित्तीय अनिमित्ताओं का मामला सा प्रतीक होता नजर आता है।
देखने वाली बात यह होगी कि, जिला प्रशासन इस पर कोई बड़ी कार्यवाही अमल में लाता है या राजनीतिक दबाव के चलते इस पूरे मामले को ठण्डे बस्ते के हवाले कर दिया जायेगा।रने पर रूपा कोरंगा सदस्य मन्यूड़ा, इंद्रा परिहार सदस्य वज्यूला, सुरेश खेतवाल सदस्य चौरा, पूजा देवी सदस्य सिमकुना, रेखा देवी सदस्य नानकन्यालीकोट मौजूद रहे।
नवाजिस खलिक, तहसीलदार बागेश्वर
मेरे द्वारा आंदोलन पर बैठे सदस्यों से ज्ञापन लेकर ज़िलाधिकारी महोदय को प्रेषित किया गया, बांकी की जो भी अग्रिम कार्यवाही होगी वह सब उनके द्वारा की जायेगी।
ड़ी ड़ी पन्त, मुख्य विकास अधिकारी बागेश्वर
मेरी जानकारी में ऐसा कुछ भी मामला नही है, अभी आपके माध्यम से मुझे यह जानकारी मिल रही है। इस पर मैं जानकारी ले रहा हूँ, यदि यह बिना पूछे गए हैं तो इनके ख़िलाफ़ आवश्यक दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
आईएस विनीत कुमार, ज़िलाधिकारी बागेश्वर
अभी मेरे संज्ञान में यह मामला नही आया है और न ही कोई छुट्टी सम्बंधित पत्र प्राप्त हुआ है। यदि ऐसा है तो इस पर कार्यवाही की जायेगी। जांच के सम्बंध में सीड़ीओ कार्यालय जो भी जानकारी आयेगी उसके आधार पर आवश्यक कार्यवाही अमल में ली जायेगी।