उत्तराखंड में नौकरी कर रहे फर्जी शिक्षकों पर एसआईटी ने शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है। इस मामले में सीबीसीआईडी की एसआईटी ने अभी तक 55 अध्यापकों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। उत्तराखंड के इन फर्जी शिक्षकों को जल्द ही जेल जाना पड़ सकता है।
फर्जी शिक्षकों की भर्ती मामले में शासन ने इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी। सीबीसीआईडी ने एसआईटी का गठन कर जांच शुरू की।
सीबीसीआईडी के गठन के बाद से एसआईटी ने 2016 में इस मामले की जांच शुरू की थी जांच शुरू करने से पहले एसआईटी ने एक पत्र जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा कि फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कोई भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
जिसके बाद से अब तक एसआईटी के पास 9,602 शिकायतें आई, एसआईटी 9,602 शिकायतों के सापेक्ष 64,641 अभिलेख व दस्तावेजों में 38,738 दस्तावेज सत्यापित कर चुकी है, जबकि अभी 25,903 अभिलेख जांच पड़ताल में सत्यापन होने शेष है।
यह जितने भी शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी अभी कार्यवाही कर रही है,वह सब साल 2012-16 के बीच नियुक्त किए गए हैं।
एसआईटी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 85 शिक्षकों के खिलाफ 76 मुकदमे दर्ज करा चुकी हैं, 127 शिक्षकों के खिलाफ जांच रिपोर्ट निदेशक विद्यालयी शिक्षा को भेजी जा चुकी है।
फर्जी दस्तावेजों के सत्यापन के कुछ मामलों में देरी की वजह बाहरी राज्यों के कई शिक्षण संस्थानों से अभिलेखों के सत्यापन को लेकर सहयोग न मिलना भी है।
जल्द ही सीबीसीआईडी की टीमें फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा तेजी से कसने के लिए अलग-अलग राज्यों के कई शिक्षण संस्थानों में जाकर दस्तावेजों की जांच पड़ताल कर सत्यापन की कार्रवाई करेगी ।
सवाल यहां यह खड़ा होता है कि आखिर उत्तराखंड का बच्चा इन फर्जी शिक्षकों से क्या सीखेगा!