ग्रामसभा डारसिल में लिपिक, आंगनवाड़ी, आशा कार्यकत्री के पद पर लोगों के ही खाद्य सुरक्षा कार्ड
एफआईआर दर्ज करने की मांग
घनसाली. जिलाधिकारी टिहरी के निर्देश के बाद गांव वालों में खाद्य सुरक्षा कार्ड के लाभार्थियों की जांच कराने की मांग की जा रही है। जनपद टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लाक में खाद्य सुरक्षा कार्ड को लेकर समय समय पर लोग आवाज उठाते रहे हैं।
दुखद पहलू यह है ऐसे कार्ड का कोटा सीमित होनेे की वजह से गरीबों के कार्ड नही बन पा रहे। लाॅकडाउन मे अमीर लोगों को तो फ्री की राशन मिली, लेकिन बेचारा गरीब भूखा ही रह गया। उत्तराखंड के कई जिलों मे तो सरकारी कर्मचारियों के भी कार्ड बने हैं।
गरीबों के हक पर अमीर लोगों द्वारा डाका डाले जाने पर कई बार लोगों के मन में आक्रोश रहा है किंतु अब जिला अधिकारी टिहरी के निर्देश कि सरकारी कर्मचारी अगर लाभार्थी पाया गया तो एफआईआर दर्ज होगी। इस आदेश के बाद अब गांव के लोग अपात्र लोगों के नाम उजागर करने आगे आए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार भिलंगना ब्लाक के ग्राम पंचायत डारसिल में सरकारी सेवा से लाभान्वित होने वाले 3 परिवारों के ही खाद्य सुरक्षा कार्ड होने का मामला सामने आया है।
बताया गया है कि इस ग्राम सभा में विधवा औरतें, कई गरीब परिवार होने के बावजूद मात्र 4 परिवारों के खाद्य सुरक्षा कार्ड हैं, जिनमें मात्र एक लाभार्थी पांखू देवी ही पात्र कार्डधारक हैं, जबकि बाकी तीन लाभार्थी सरकारी सेवा से भी जुड़े हैं।
तीन लाभार्थियों में श्री मदनलाल पुत्र सिद्धीलाल डा. भीमराव आंबेडकर जनता जूनियर स्कूल डारसिल में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं, साथ ही मदनलाल की पत्नी श्रीमती सावित्री देवी पिछली पंचवर्षीय में ग्राम पंचायत डारसिल की उपप्रधान रही हैं. दूसरे लाभार्थी मदनलाल के ही भाई श्री मोहनलाल पुत्र सिदधीलाल हैं, जिनकी पत्नी श्रीमती रजनी देवी सालों से आशा कार्यकत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
इतना ही नहीं इसी ग्राम सभा से तीसरे खाद्य सुरक्षा कार्ड धारक श्री शांतिलाल पुत्र रेठू हैं, जिनकी पत्नी श्रीमती जमुना देवी आंगनवाड़ी सेविका के रूप में वर्षों से कार्यरत हैं।
बता दें कि खाद्य सुरक्षा कार्ड के लाभार्थी के लिए सालाना आय का जो मानक है आंगनवाड़ी, उपप्रधान का सालाना भत्ता, आशा कार्यकत्री का वेतन उससे कहीं ज्यादा है।
ग्राम के सक्रिय नागरिकों ने जिला अधिकारी टिहरी को इस संबंध में शिकायत भेजी है और सरकार की योजनाओं का अनुचित लाभ उठाने वालों पर निर्देश के मुताबिक एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
जिला पूर्ति अधिकारी मुकेश पाल का कहना है ,-“हम जांच करा रहे हैं , लोग कार्ड सरेंडर भी कर रहे हैं।” पूर्ति निरीक्षक प्रवीन सेमवाल का कहना है कि आजकल सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। जबकि राशन डीलर सुरेंद्र कैंतुरा का कहना है वह जानते हैं कि कुछ लोग अपात्र हैं लेकिन जिनके पास कार्ड हैं वह राशन देने को मजबूर हैं। लोकल होने के कारण कुछ कह भी नही सकते।