जंगलराज : राजाजी में तानाशाह वार्डन का आतंक, महिला पशुचिकित्सक से की अभद्रता, हॉफ की पड़ी फटकार, कुछ तो करो टीएसआर
अनुज नेगी
देहरादून। यूं तो केंद्र व राज्य सरकार महिलाओ के उत्थान के लिए तमाम बातें करती है, उनके सम्मान के लिए एक से बढ़कर एक योजनाएं लाती है मगर ये बाते सिर्फ कागज तक ही सीमित होती है। प्रदेश में महिलाओं का अपमान लगातार जारी है, मगर प्रदेश के मुखिया को इससे कोई फर्क ही नही पड़ता।
ताजा मामला हरिद्वार से जुड़ा हुआ है। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के हरिद्वार रेंज में इन दिनों पार्क में पिछले कई वर्षों से जमे बैठे एक वार्डन की तानाशाही का दौर चल रहा है।
वार्डन की तानाशाही का शिकार बनी है राजाजी पार्क में कार्यरत एक महिला डॉक्टर, सरकारी महकमे से जुड़ी एक कर्तवनिष्ठ पशुचिकित्सक महिला डॉक्टर पिछले कुछ वर्षों राजाजी पार्क में तैनात है।
बीते माह को महिला डॉक्टर व देहरादून स्थित ज़ू के डॉ. नौटियाल जब हरिद्वार रेंज के लालताराव बंगले में मौजूद थे तो उसी दौरान वार्डन कोमल सिंह ने उनसे अभद्रता कर उन्हें डॉक्टरी पढ़ाने लगे।
उन्हें पार्क मे केवल वन्यजीवों के पोस्टमाटर्म के लिए तैनात बता कर किसी भी कार्य मे हस्तक्षेप न करने का फरमान सुना दिया। वहीं जब यह वार्डन की पाठशाला चल रही थी तो उस दौरान राजाजी पार्क के निदेशक डी के सिंह भी वहां मौजूद थे।
एक निदेशक की मौजूदगी में वार्डन की यह हरकत व निदेशक का चुप रहना कई सवालों को खड़ा कर रहा है। यह मामला जब वह वन महकमे के मुखिया के समक्ष आया तो वार्डन की बोलती बंद हो गयी है।
हॉफ ने दी कठोर कार्यवाही की चेतावनी
इस सारे प्रकरण से नाराज दोनों पशुचिकित्सको ने इसकी शिकायत वन महकमे के मुखिया जयराज से की।वन मुखिया जय राज ने इस समस्त प्रकरण को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कठोर पत्र लिखते हुए कोमल सिंह को जबान काबू में रखने की हिदायत तक दी है।
मगर इस तानाशाही वार्डन पर कार्यवाही क्यो नही की गई यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिर ऐसे कौन से कारण है कि यह वार्डन पिछले कई वर्षों से राजाजी पार्क में जमे बैठे हैं। वर्तमान में पार्क के दो सब डिवीजन इनके हाथ मे है,आखिर ऐसा क्यों। वहीं महिलाओं के उत्थान का दावा करने वाले मुख्यमंत्री व वन मंत्री इस मामले को लेकर चुप क्यों है यह सबसे बड़ा सवाल है।