पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

‘राज्यपाल ड्यूटी’ मे शहीद जवानों को छोड़ा जनता के भरोसे

October 25, 2019
in पर्वतजन
ShareShareShare

एक उपन्यास की यह पंक्तियां है। पुलिस कर्मचारी की एक हसरत रहती है कि “वह सम्मान से जिए और बराबरी से मर सके” यह दोनों हसरतें उसकी आज 21वीं सदी में भी पूरी होती नहीं दिखती। इस सब का कारण भले ही ब्रिटिश उपनिवेशवाद की परछाई से भारतीय पुलिस का मुक्त ना होना रहा हो अथवा राजनीतिक मत के निर्धारण में उसका महत्वहीन हो ना रहा हो लेकिन जो भी हो समाज को सबसे अधिक प्रभावित करने वाली और ताकतवर समझे जाने वाली संस्था का स्वरूप एक नारियल जैसा ही है जो बाहर से कठोर और जटाधारी है लेकिन अंदर कोमल पानी पानी।


यह बात आजकल सोशल मीडिया में नैनीताल जनपद में दिनांक 22 अक्टूबर को महामहिम राज्यपाल महोदया के एस्कॉर्ट में शामिल दुर्घटनाग्रस्त पुलिस वाहन जिसमें 2 पुलिस कर्मचारी कांस्टेबल नंदन सिंह और कांस्टेबल ललित मोहन काल कलवित्त हो गए और दो गंभीर रूप से घायल। कर्तव्य परायणता में अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने की परंपरा का इससे बेहतर कोई और नमूना हो सकता? जहां इन कर्मचारियों ने अपने पास उपलब्ध संसाधनों में सुरक्षा की भावना में इस कदर डूबे की अपने प्राणों की परवाह तक नही की।


इस लोकतांत्रिक समाज में जहां हर दुर्घटना अथवा शराब पीने जैसी अपराधिक घटना के बाद मृत्यु पर भारी भरकम मुआवजे दिए जाते हों वहां पुलिस कर्मचारियों की आर्थिक सहायता के लिए क्राउडफंडिंग की अपील पुलिस के एक भयावह स्याह पक्ष को दर्शाता है कि मुसीबत में किस तरह पुलिस अकेले पड़ जाती है।

तब दो सवाल जायज हो जाते हैं. क्या प्रदेश के महामहिम की सुरक्षा से बड़ी कोई और ड्यूटी है? यह भी कि उस ड्यूटी को अंजाम देते हुए दी गई शहादत को शहीद का दर्जा क्यों नहीं है .क्यों पाई पाई के लिए पुलिस मोहताज है . क्यों कर इन शहादत प्राप्त पुलिस कर्मचारियों के पक्ष में कोई बड़े अनुदान की महामहिम खुद आकर घोषणा क्यों नही करती ।
क्राउड़ फंडिंग के सहारे पुलिस को छोड़ देना क्या खुद सरकार की बदनामी नहीं है ! ऐसे प्रश्नों पर विचार का समय शायद सरकार के पास नहीं है।
कृपया संज्ञान में ले कि हल्द्वानी ऑनलाइन मानवता के आधार पर इन पुलिस कर्मचारियों के पक्ष में क्राउडफंडिंग की अपील पहले ही कर चुका है।


Previous Post

राज्यपाल ड्यूटी मे शहीद जवानों को छोड़ा जनता के भरोसे

Next Post

ब्रेकिंग : सरकार ने बनाया एक और राज्यमंत्री

Next Post

ब्रेकिंग : सरकार ने बनाया एक और राज्यमंत्री

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • बिग ब्रेकिंग: कैबिनेट के महत्वपूर्ण फ़ैसले..
  • उत्तराखंड में मौसम का बदला मिजाज: पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के आसार। मैदानों में उमस से लोग परेशान
  • एसजीआरआर एजुकेशन मिशन की शिक्षक चयन प्रक्रिया शुरू, उत्तर भारत से 5000 से अधिक अभ्यर्थियों ने लिया भाग
  • प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम: केवल संचालन खर्च तक ही वसूली की अनुमति। अतिरिक्त फीस लौटाने के निर्देश
  • ब्रेकिंग: त्रिकाल शराब ब्रांड पर आबकारी विभाग सख्त, लगाया बैन
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!