रिपोर्ट:कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में वास कर रहे नेपाली श्रमिकों को वैक्सीन लगाने संबंधी पत्र का संज्ञान लेकर उसे जनहित याचिका माना हैं। न्यायालय ने इस मामले में अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह को न्याय मित्र नियुक्त किया है और राज्य सरकार से 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में लॉ की चतुर्थ सेमेस्टर की उत्तराखंड निवासी छात्रा मेधा पांडेय ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उत्तराखंड में रह रहे नेपाली श्रमिकों(लेबरों)को वैक्सीनेशन लगाने की बात कही थी।
पत्र में कहा गया था कि, उत्तराखंड की पहाड़ी क्षेत्रों में नेपाली श्रमिक लोगों के घरों तक सामान ले जाते हैं और लोगो के कांटेक्ट में भी रहते हैं । ऐसे में इन्हें भी वैक्सीन लगाई जाना जरूरी है। इसपर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पत्र को जनहित याचिका के रूप में ट्रीट किया(माना)।
राज्य सरकार ने न्यायालय को बताया कि, नेपाली युवकों के मामले में विदेश मंत्रालय की अनुमति ली जाना अनिवार्य है । इसे देखते हुए खंडपीठ ने आज आदित्य प्रताप सिंह को न्यायमित्र बनाकर याचिका को 10 दिन में संशोधित कर दोबारा दाखिल करने को कहा है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से भी दस दिनों में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।