अनुज नेगी
देहरादून।प्रदेश में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाला विभाग महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में आउटसोर्स कार्मिकों के शोषण पर पर्वतजन लगातार आउटसोर्स कार्मिकों की आवाज उठाता आ रहा है।
ताजा मामला जनपद हरिद्वार के बाल विकास परियोजना रुड़की प्रथम से आया है। जहां पर बाल विकास परियोजना में सनकी अधिकारी (सुपरवाइजर) श्रीमती शकुंतला रावत द्वारा आउटसोर्स एजेंसी उपनल के माध्यम से अनुसेवक के पद पर तैनात मोo गुलशाद के सर पर लोहे की रोड से जोरदार परहार कर घायल किया गया ,जिसमें मो० गुलशाद के सर पर 13 टांके लग गए हैं।
साथ ही आपको यह भी अवगत करा दें कि हाल ही में कुछ दिन पहले आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से जनपद चमोली के बाल विकास परियोजना पोखरी में राष्ट्रीय पोषण मिशन के अंतर्गत ब्लॉक समन्वयक के पद पर तैनात स्व0 विजय सती द्वारा पंखे से लटक कर खुदकुशी की दुखद घटना देखने को मिली थी, सूत्रों के हवाले से खबर के अनुसार विभागीय मानसिक उत्पीड़न एवं तनाव खुदकुशी का कारण रहा है, जिसकी जांच होना अति आवश्यक है।
आपको बता दें कि आउटसोर्स कार्मिकों का शोषण का प्रदेश के सभी कार्यालय में कुछ इस तरह से हो रहा है कि शाम 5:00 बजे के बाद या शासकीय अवकाश के दिन अगर कार्यालय में कोई काम करता नजर आएगा तो वह आउटसोर्स कार्मिक होगा निश्चित तौर पर क्योंकि उच्च अधिकारियों द्वारा सरकारी स्थाई कार्मिक को किसी भी नियम विरुद्ध आदेश देने की हिम्मत तो नहीं जुटा पाते तो अंत में ले देकर शोषण आउटसोर्स कार्मिकों का होता है और उनको कभी भी किसी भी वक्त कार्यालय में बुलाकर नियम विरुद्ध निर्धारित समय से अधिक समय तक बंदुवा मजदूर की तरह कार्य पर लगा दिया जाता है, जिसमें किसी भी निर्धारित श्रम कानून का पालन नहीं किया जाता और कार्मिकों के मूलभूत अधिकारों का भी हनन किया जाता रहा है। जिस पर कोई आवाज उठाने को तैयार नहीं चाहे नेता पक्ष के हूं या विपक्ष के जबकि यह एक बड़ा मुद्दा प्रदेश का बना हुआ है।