स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सी सैट(सिविल सर्विस एप्टीट्यूट टैस्ट)के प्रारूप बदलाव और हर साल परीक्षा नहीं होने की वजह से अभियर्थियों को परीक्षाओं की विज्ञप्तियों में छूट देने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई । खंडपीठ ने कार्मिक विभाग को दो सप्ताह में यू.पी.एस.सी.की तर्ज पर नीतिगत निर्णय लेने के आदेश दिए हैं ।
काशीपुर निवासी याचिकाकर्ता आशुतोष भट्ट, गुलफाम अली, हरेंद्र रावत और अमित बाठला ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर बताया कि पी.सी.एस.परीक्षा वर्ष 2016 में हुई थी ।
इसके साथ ही पैटर्न में बदलाव आए और 2016 में राज्य लोक सेवा आयोग ने पी.सी.एस.की परीक्षाएं कराई । याची ने कहा कि तब अभियार्थी 42 वर्ष के थे अब पी.सी.एस.की नई परीक्षा के लिए अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष है ।
जनहित याचिका में पी.सी.एस.परीक्षा में अभियर्थियों की आयु सीमा और फॉर्म भरने की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की गई थी । राज्य बनने के बाद से अबतक छह बार पी.सी.एस.की परीक्षाएं हो चुकी हैं जबकी अंतिम परीक्षा वर्ष 2016 में हुई थी । खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के बाद देहरादून कार्मिक विभाग को दो सप्ताह में यू.पी.एस.सी.की तर्ज पर नीतिगत निर्णय लेने के आदेश दिए हैं ।