स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड में सफाई कर्मचारी संघ के पिछले कई दिनों से कार्य बहिष्कार करने के बाद आज उच्च न्यायालय में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई । न्यायालय ने बुधवार तक संबंधित विभागों से जवाब मांगा है ।
हल्द्वानी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता नीरज तिवारी द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा गया है कि स्वच्छता कर्मियों की हड़ताल समाप्ति के लिए सरकार ने वार्ता या अन्य कोई कदम नहीं उठाया है ।
इस कारण नगर पालिका और नगर निगम क्षेत्रों में कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लग गए हैं ।मानसून का समय और विशेषकर कोरोना के खतरे के बीच शहरों में सफाई ना होने से महामारी की आशंका पैदा हो गई है।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से यह भी कहा है कि, स्वच्छ पर्यावरण, लोगों का मौलिक अधिकार है और सरकार की अनदेखी और हड़ताली कर्मियों की हठधर्मिता के चलते आम जनता कूड़े के ढेर के बीच रहने को मजबूर है।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से सरकार और नगर निकायों को साफ रखने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने और जरूरत पड़ने पर एस्मा जैसा कानून लगाने की प्रार्थना की है । याचिकाकर्ता द्वारा उन हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही करने के लिए प्रार्थना की गयी है जो कि उन सफाई कर्मचारियों के साथ जो हड़ताल पर नहीं हैं और उन सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर रहे हैं जो गलियों में जमा कूड़ा उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
याचिका में सचिव शहरी विकास, निदेशक शहरी विकास के साथ-साथ नगर निगम हल्द्वानी और नगर पालिका परिषद नैनीताल व रामनगर के अधिकारियों और एस.एस.पी.नैनीताल को आवश्यक इंतजाम और कार्यवाही के निर्देश जारी करने की मांग की गयी है।