प्रकाश चंद्र ध्यानी को पिटबुल का नया प्रबंध निदेशक( एम डी)बनाया गया।नवनियुक्त प्रबन्ध निदेशक प्रकाश चन्द्र ध्यानी का समस्त पिटकुल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया।
प्रबन्ध निदेशक पिटकुल द्वारा निगम प्रबन्धन द्वारा किये जा रहे सुधारात्मक प्रयासों की सराहना की गयी एवं अपेक्षा की गयी कि भविष्य में भी पिटकुल निरन्तर अच्छा प्रदर्शन करेगा, जिससे प्रदेश के पारेषण तंत्र में सुदृढ़ता लाने के साथ-साथ राष्ट्रीय ग्रिड को भी मजबूती प्रदान करने में सहभागी होगा।
प्रबन्ध निदेशक महोदय द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि विभिन्न स्कन्धों की (परियोजना, परिचालन, वित्त, इत्यादि) से जल्दी ही समीक्षा बैठक की जायेगी जिससे कारपोरेशन स्तर पर लम्बित समस्याओं का निराकरण शीघ्र हो सके।
प्रबन्ध निदेशक पिटकुल द्वारा निर्देश दिये गये कि वर्तमान वित्त वर्ष में निर्माणाधीन परियोजनायें जैसे 132 के0वी0 पिथौरागढ़ – चम्पावत लाईन (41.35 सर्किट किमी), 132 के0वी0 बिंदाल -पुरकुल लाईन (11 सर्किट किमी) 220 के०ची० उपसंस्थान बरम एवं सम्बन्धित लाईन (50 एमवीए / 21.96 सर्किट किमी). 220 के०वी० एल एण्ड टी – ब्रहमवारी लाईन (31 सर्किट किमी) एवं 400 केवी तपोवन पीपलकोटी लाईन (36 सर्किट, किमी) एवं 400 के0वी0 पीपलकोटी श्रीनगर (ग०) की समस्याओं को तुरन्त निराकरण कर उक्त परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण करें।
इसके साथ-साथ आगामी चार वर्षों में ए०डी०बी० पोषित प्रस्तावित परियोजनायें जैसे 400 के0वी0 उपसंस्थान लण्दौरा, 220 के०वी० उपसंस्थान सेलाकुई तथा मंगलौर, 132 के०वी० उपसंस्थान लोहाघाट, आराघर, धौलाखेड़ा, खटीमा एवं सरवरखेड़ा, 132 के0वी0 महुवाखेड़ागंज जसपुर तथा 132 के०वी० पिथौरागढ़ चम्पावत (द्वितीय सर्किट) पारेषण लाईनों के समयबद्ध रूप से पूर्ण किये जाने हेतु भी दिशा-निर्देश दिये गये।
प्रबन्ध निदेशक पिटकुल द्वारा समस्त कार्मिकों से आह्वान किया गया कि निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूर्व पूर्ण करने का लक्ष्य रखें तथा सभी लोग मिलकर लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना पूर्ण समर्थन एवं सहयोग प्रदान करें और उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि. वह 24X7 सभी कार्मिकों के लिये उपलब्ध रहेंगे। किसी भी कार्मिक की कोई भी समस्या होगी तो उसका पूर्णतः समाधान किया जायेगा।
साथ ही साथ प्रबन्ध निदेशक पिटकुल द्वारा पारेषण लाईनों में ओ०पी०जी०डब्लयू० का अधिकतम उपयोग किये जाने तथा उसका कर्मिशियल उपयोग में भी लिये जाने हेतु उचित दिशा-निर्देश दिये गये जिससे पिटकुल का बहुमुखी विकास हो।
प्रबन्ध निदेशक पिटकुल पी०सी० ध्यानी ने बताया कि पिटकुल निगम के परिश्रमी कार्मिकों के योगदान से प्रदेश में वर्तमान में पारेषण हानियां 1.01 प्रतिशत के निम्न स्तर तक लाने में सफलता पायी है एवं पारेषण तंत्र की उपलब्धता भी 99.55 प्रतिशत से ज्यादा है। वर्तमान में पिटकुल द्वारा 44 विद्युत उपकेन्द्रों (कुल क्षमता 8925 एम०वी०ए० ) एवं 3266 सर्किट कि०मी० पारेषण लाईनों का निर्वाध संचालन किया जा रहा है।