मान्यता से संबंधित भूमि भवन के कागज समय पर उपलब्ध न कराने की वजह से महाविद्यालयों की मान्यता को संस्कृत विश्वविद्यालय में खत्म कर दिया है। हालांकि अभी शास्त्री व आचार्य प्रथम वर्ष को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं की पढ़ाई नियमानुसार जारी रहेगी।
दरअसल, राज्य सरकार के आदेश पर संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति अवस्थी की अध्यक्षता में एक कमेटी ने सभी संस्कृत महाविद्यालय का निरीक्षण किया था। जिस दौरान 10 ऐसे महाविद्यालय सामने आए, जिन्होंने मान्यता के संबंध में भूमि व भवन के कागजात उपलब्ध नहीं कराए।
कई बार अवसर देने के बावजूद भी अनदेखी की, जिससे कुलपति ने उन सभी 10 महाविद्यालयों की मान्यता को खत्म कर दिया और प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्रों पर भी रोक लगा दी।
साथ ही पांच ऐसे महाविद्यालय हैं जिन्हें विश्वविद्यालय द्वारा कागजात उपलब्ध कराने का एक मौका और दिया गया है।