इंद्रजीत असवाल
कल्जीखाल पौड़ी गढ़वाल
एक तरफ पूरा विश्व पर्यावरण दिवस मनाता है और नेता इस दिवस के दिन जल संरक्षण व पेड़ लगाने के लिए बड़े बड़े भाषण देते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है जिससे हम आपको लगातार वाकिफ कराते रहते हैं ।
आज हम आपको बता रहे हैं वो जनपद पौड़ी गढ़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक के कुंड गाँव के नीचे बूंगा बैंड टू सकिनखेत मार्ग से लगी नदी पर लगे स्टोन क्रेसर की है, जो जमकर मानकों की धज्जियां उड़ा रहा है और संबंधित विभाग व प्रशानिक अमला नींद की गोलियां खाकर सोया हुआ है ।
मानक कहते हैं कि नदी से 150 मीटर और गधेरों से 50 मीटर दूरी पर होना चाहिए,लेकिन ये स्टोन क्रेसर गधेरे (जो 12 महीने बहता है)से मात्र 10 मीटर दूरी पर लगा है।
इस मामले में हमारे द्वारा पहले भी खबर छापी गई थी व अपर जिलाधिकारी पौड़ी से बात की गई थी तो उनका कहना था कि वे जांच करेंगी ।
फिर हमारे द्वारा उपजिलाधिकारी पौड़ी से भी बात की गई थी तो उनका कहना था कि इस क्रेसर को 2027 तक परमिशन मिली हुई है, जब हमने मानकों की बात की तो उन्होंने कहा हमे जियो भेजिये हमने जियो की कॉपी भी उनको व्हाट्सएप की लेकिन उनका कोई जबाब नही आया ना ही स्टोन क्रेसर पर कोई कार्यवाही हुई ।
अब बात पते की ये है कि यदि इनको परमिशन मिली है तो किसने दी और किन मानकों के आधार पर दी , इसको देखकर लगता है कि ये सब परमिशन माया की वजह से दिये गए हैं।
स्थानीय युवा डबल मिया राठौर कहते हैं कि इस गधेरे के पानी से उनके गाँव में खेती 12 महीने सिंचित की जाती है और ये गधेरा 12 महीने बहता है यहाँ मंदिर व जंगल भी है लेकिन प्रशासन देखकर भी कुम्भकर्ण की नींद सोया है।