स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड के नैनीताल में आढ़त और बाजार की परिभाषा की खिल्ली उड़ाई जा रही है । यहां थोक मंडी में, ग्राहकों को बाजार की तरह खुर्जा(रिटेल)माल बेचा जा रहा है । एस.डी.एम.का कहना है कि नियमों के अनुसार आढ़त और खुर्जा दुकानें, दोनों लगाई गई हैं ।
नैनीताल के मल्लीताल में सदियों से राम सेवक सभा परिसर और आम सड़क में सब्जी मंडी का आयोजन हुआ करता था, जिसमें कुल दस आढ़ती बैठा करते थे। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण फैलाव को देखते हुए प्रशासन ने मंडी की सभी आढ़तों को डी.एस.ए.फ्लैट्स मैदान में शिफ्ट किया था।
फ्लैट्स मैदान में आढ़तों की संख्या कई गुना ज्यादा बढ़कर लगभ 40 तक हो गई । ग्राहकों को इन आढ़तों में खुर्जा सब्जी मिलने लगी तो वे सभी खरीददारी के लिए यहां पहुंच गए । अब इन आढ़तियों ने बाजार मूल्यों पर सब्जी देनी शुरू कर दी । उनके इस कदम से बाजार और मंडी की परिभाषा तो खराब हुई ही, साथ में बाजार में बैठे सब्जी और फल के खुजरा व्यापारियों का काम भी छिन गया।
इसमें सबसे खतरनाक बात ये हुई कि फ्लैट्स मंडी में अत्यधिक भीड़ होने से कोरोना फैलने का भय बन गया । प्रशासन, लाख कोशिशों के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य नियमों का पालन कराने में नाकाम रहा ।
खुर्जा ग्राहक मल्लीताल निवासी कनक प्रभात ने बताया कि उन्हें खुला सामान आसानी से उपलब्ध हो रहा है इसलिए वे यहां सब्जी और फल लेने आए हैं । उन्होंने बताया कि बाजार और मंडी के मूल्यों में बहुत अंतर तो नहीं है लेकिन यहां उन्हें सब्जी और फल आसानी से मिल रहा है । इसके अलावा किचन के लिए सब्जी खरीदने पहुंची सरिता ने बताया की उन्होंने छोटी मात्रा में सब्जी खरीदी है, जिसे वो पहले बाजार से खरीदा करती थी
इसके विपरीत, मंडी व्यापारी हारून और हेम जोशी से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया को वो सब्जी छोटी मात्रा में दे रहे हैं । उन्होंने रेट पूछे जाने पर सब्जी के खुर्जा रेट बताए । बाजार के खुर्जा व्यापारियों और व्यापार मंडल अध्यक्ष से पूछ गया तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए विरोध दर्ज करने की बात कही है ।
इस मसले पर जब एस.डी.एम.प्रतीक जैन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पूर्व की व्यवस्था के अनुसार एक साइड मंडी तो दूसरी साइड सब्जी की दुकानें लगाई गई हैं ।