कृष्णा बिष्ट
उत्तराखंड में इंडियन ऑयल के रुड़की और लालकुआं में पीओएल टर्मिनल/डिपो और हल्द्वानी और हरिद्वार में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट हैं, जिसके माध्यम से राज्य की संपूर्ण पीओएल और एलपीजी आवश्यकता की पूर्ति की जा रही है। इंडियन ऑयल देहरादून और पंतनगर में दो विमानन ईंधन स्टेशनों का भी संचालन करता है, ताकि राज्य की एटीएफ मांग को पूरा किया जा सके। पंतनगर को वर्तमान में उड़ान योजना के तहत संचालित किया जा रहा है।
इंडियन ऑयल के नई दिल्ली उत्तरी क्षेत्र सी.सी. संजय त्रिपाठी ने पर्वतजन संवाददाता से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि इंडियन ऑयल ने वित्त वर्ष 2018-19 में सरकारी खजाने में लगभग रु. 1013 करोड़ का योगदान करों के रूप में दिया। राज्य के सभी ओएमसी के तहत कुल 304 एलपीजी वितरकों में से 213 एलपीजी वितरकों का नेटवर्क इंडियन ऑयल का है। उत्तराखंड के कुल 20.73 लाख सक्रिय एलपीजी कनेक्शनों में से अकेले इंडियनऑयल के 58′ से अधिक हिस्सेदारी के साथ 12.04 लाख कनेक्शन है। घरेलू एलपीजी बाजार के मामले में इंडियनऑयल निस्संदेह उत्तराखंड के सभी 12 जिलों में उपस्थिति के साथ तथा 77.50′ की बाजार हिस्सेदारी सहित प्रत्येक घर में स्वच्छ ईंधन तक पहुंचाने में सबसे अग्रणी है।
त्रिपाठी ने बताया कि इंडियन ऑयल अपनी वितरण प्रणाली को और सशक्त बनाने और अधिक सुगमता और सुलभता के लिए, वर्ष 2019-20 के दौरान उत्तराखंड के आंतरिक और ग्रामीण क्षेत्रों में 12 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप (6 डीकेवी वितरकों के साथ) स्थापित करने की योजना है । इससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 में, 22 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप (डीकेवी वितरकों के साथ) इंडियनऑयल द्वारा चालू किये गए हैं।
उन्होंने कहा कि सभी ओएमसी के संयुक्त प्रयासों के कारण, उत्तराखंड का एलपीजी का प्रवेश प्रतिशत पी.एम.यू .वाई के आरम्भ होने के बाद 87′ से बढ़कर शतप्रतिशत हो चुकी है। साथ ही उत्तराखंड में पीओएल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, तेल विपणन कंपनियों के राज्य में कुल 576 रिटेल आउटलेट्स हैं, जिनमें से इंडियन ऑयल के 37 केएसके (किसान सेवा केंद्र) सहित 272 रिटेल आउटलेट्स है। इंडियनऑयल पेट्रोल में 50′ से अधिक तथा डीजल में 51′ से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ राज्य में खुदरा बिक्री में मार्केट लीडर है।
दुर्गम क्षेत्रों में अपने आरओ के माध्यम से पर्यटकों को सुविधा प्रदान करना। इंडियन ऑयल, बद्रीनाथ में एक रिटेल आउटलेट का निर्माण कर रहा है, ताकि पवित्र स्थल पर पर्यटक प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जा सके। कठिन इलाके में रिटेल आउटलेट पर्यटकों के लिए पहुंच में सुधार करने में मदद करेगा।
श्री त्रिपाठी ने यह भी बताया कि इंडियन ऑयल लालकुआं डिपो में एक 600 केएल बायोडीजल टैंक और 70 केएल क्षमता के 3 इथेनॉल टैंक के निर्माण के लिए एक परियोजना शुरू कर रहा है। इन कार्यों की लागत लगभग 2.18 करोड़ रूपये होगी। इथेनॉल टैंकों का उपयोग मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) में इथेनॉल सम्मिश्रण के लिए किया जाएगा। वर्तमान में, लालकुआं डिपो से आपूर्ति की जाने वाली मोटर स्पिरिट में लगभग 7.34′ इथेनॉल मिश्रित है।
इंडियन ऑयल ने हाल ही में ‘हर की पौड़ी’ हरिद्वार में नवीनीकरण और विकास कार्यों के लिए भारत सरकार के स्वच्छ गंगा कोष में 34 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। उत्तराखंड के हर की पौड़ी घाट के सौंदर्यीकरण के साथ ही पार्किंग क्षेत्र, जल निकासी प्रणाली, भूनिर्माण, सौर ऊर्जा संचालित प्रकाश व्यवस्था, सांस्कृतिक कियोस्क और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाएगी।