एक्सक्लूसिव रिपोर्ट- राजकुमार सिंह परिहार
जिला पंचायत बागेश्वर की वर्ष 2015 में ख़रीदी टॉप माडल इनोव कार की एक लाख में नीलामी की सूचना कुछ हजम नही हो रही है। जिला पंचायत ने नीलामी आगामी 31 तारीख़ को तय की है जिसकी सूचना प्रकाशित होते ही चर्चाओं का बाज़ार एक बार फिर गरम हो गया है।
जिला पंचायत बागेश्वर ने वर्ष 2015 में एक टॉप माडल इनोव कार ख़रीदी, जिसकी क़ीमत उस समय 17 लाख के आसपास रही होगी। इस समय जब जिला पंचायत लगातार विवादों में घिरी हुई है उसके बावजूद कार की एक लाख में नीलामी की सूचना ने सबको चौकानें वाली है।
“आपको बता दें कि नियम के अनुरूप जब किसी राजकीय वाहन की नीलामी करनी होती है तो उस जनपद के जिला अधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाती है जिसमें समबंधित विभागीय अधिकारी एवं समबंधित परिवहन अधिकारी उसके सदस्य होते हैं।”
बागेश्वर में आगामी 31 को होने वाली इस नीलामी की बात तब हजम नही होती है जब एक स्थानीय चेनल ने अपने इंटरव्यू में ज़िलाधिकारी विनीत कुमार से इस सम्बंध में जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नही है। तो अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि आपके शहर में चल क्या रहा है, लोकतंत्र में विकास के असली चौकिदार ही अपने कार्य के प्रति कितने सजग हैं और जनपद के विकास को प्राप्त धन से नियम विरुद्ध कोई विभाग कैसे अपनी परिसंपत्तियों की ख़रीद फ़रोख़्त कर सकता है।
वर्ष 2021 के अनुसार बागेश्वर की कुल अनुमानित जनसंख्या 301,482 है। पर इसमें से अपने विकास की धनराशि का हिसाब मगाने वाला एक भी नही। इसी तरह यदि सरकारी धन का दुरुपयोग होता रहा तो वह दिन दूर नही जब जीवित रहने को ही हम अपना विकास समझने को मजबूर होंगे। विकास की मांग जो जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के सम्मुख तो हर कोई करता नजर आता है परन्तु विकास की इस बंदरबाँट पर हर कोई मौन ही बना क्यूँ रहता है ? समझ से परे है।
जिला पंचायत परिसर में अपनी माँगों को लेकर धरने में बैठे सभी नौ सदस्यों ने इस पर अपना विरोध जताते हुए ज़िलाधिकारी को एक शिकायती पत्र लिखा है। जिस पर उन्होंने अध्यक्ष पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब वर्तमान समय में इस इनोवा कार की इंशोरेंस वैल्यू 520000 है व कार किसी भी तरह से ख़राब नही है, वह चालू हालत में है। तो अध्यक्ष कैसे इसे अपने मनमाने ढंग से इतनी कम क़ीमत पर नीलाम कर सकती है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह सदन का मामला है इसे सदन में लाया जाना चाहिए था, तब इस पर आगे की कार्यवाही नियमानुसार होती। उन्होंने एक बार फिर अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी कथनी व करनी में कितना अन्तर है यह इस बात से स्पष्ट है। वह हर बार मीडिया के सामने नियमसंगत कार्य करने की बात तो करती हैं पर हमेशा उनके नियम सरकारी नियमों के ख़िलाफ़ ही होते हैं। उन्होंने अपने क़रीबियों को फ़ायदा पहुँचाने की मंशा से यह कदम उठाया गया है, जिसे बागेश्वर की जनता कभी स्वीकार नही करेगी।
इस बावत जब हमारे प्रतिनिधि राजकुमार सिंह परिहार ने जिला पंचायत बागेश्वर अध्यक्ष बसंती देब से दूरभास पर बात करने का प्रयास किया तो उनका नम्बर बन्द आया और ज़िलाधिकारी विनीत कुमार ने नम्बर ब्यस्थ कर दिया।