उत्तराखंड के आईएसबीटी परिसर में हुए जघन्य अपराध की नाबालिग पीड़िता गर्भवती हैं। और अब स्तिथि गर्भपात की बन चुकी हैं।
उत्तराखंड में किशोरी के साथ हुई इस दरिंदगी से पहले भी उत्तर प्रदेश स्थित गृह क्षेत्र में भी कई बार दुष्कर्म होने की जानकारी युवती से पूछताछ में पता चली।
पीड़िता नाबालिग है और मानसिक रोम से कमजोर है, जिसकी चलते गर्भपात की स्तिथि बन गई। लेकिन दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग लड़की को इलाज के लिए दर-बदर भटकना पड़ रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,बृहस्पतिवार शाम रक्तस्राव होने की वजह से पीड़िता को जिला अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन वहां से उसे दून अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। तब से उसे दो बार दून अस्पताल लाया जा चुका है। कानूनी प्रावधान के तहत जिला अस्पताल में दुष्कर्म पीड़िता के तत्काल इलाज के लिए विशेष इंतजाम होने चाहिए, लेकिन पीड़िता को इलाज के लिए दर-बदर भटकना पड़ा है।
राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने जिला अस्पताल के सीएमओ को तलब किया और पूछा कि अस्पताल में चिकित्सा के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं हैं, जबकि दुष्कर्म पीड़िता को चिकित्सा सहायता के लिए विशेष व्यवस्था होनी चाहिए थी।
आयोग के संज्ञान लेने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और घटनाक्रम की जांच के आदेश जारी किए हैं।