दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट द्वारा योग का प्रचार प्रसार करने हेतु एक समारोह का अयोजन किया गया जिसमे मनुष्य जीवन में योग के क्या प्रभाव पड़ते हैं इस पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से डॉ. राधिका नागरथ और योगाचार्य ईशा सैनी एवं भावना भारद्वाज के द्वारा सामान्य योग प्रोटोकॉल में निहित योगासन एवं प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया |
आईटीएम के अध्यक्ष निशांत थपलियाल ने बताया कि इंस्टीट्यूट द्वारा योग की कक्षाएं नियमित रूप से चलाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि योग के द्वारा मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार की ऊर्जा प्राप्त होती है। आईटीएम की रजिस्ट्रार श्रीमती रुचि थपलियाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि योग
मन, शरीर और आत्मा में सामंजस्य लाने के दर्शन का प्रतीक है। यह केवल शारीरिक आसनों से कहीं अधिक है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है, जो श्वास व्यायाम, ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को एकीकृत करता है।
इस अवसर पर इंस्टिट्यूट के सभी शिक्षकों, शिक्षिकाओं और कर्मचारियों ने भी योग को अपने जीवन में शामिल करने का संकल्प लिया।
इंस्टिट्यूट के नैक एडवाइजर और पूर्व कुलपति प्रोफेसर ज्वाला प्रसाद पचौरी ने सभी को योग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज के परिवेश में जब मानव मन तनाव में रहता है तो ऐसे में योग से उत्तम और कोई चिकित्सा पद्धति नहीं है। सभी को योग से जोड़ना चाहिए। कार्यक्रम में प्रिन्सिपल अन्जू गैरोला थपलियाल, योग विभाग अध्यक्ष शैलजा गुप्ता, मनीषा कपूर, रितिका पुरी और संस्थान के सभी सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 राधिका नागरथ ने किया।