अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा जल निगम कनिष्ठ अभियंता (सिविल) भर्ती में बेरोजगारों का आरोप है कि इस भर्ती में कुछ बाहरी प्रदेशों के अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया है।
दरअसल समूह-ग भर्ती में केवल उत्तराखंड से 10वीं और 12वीं पास अभ्यर्थी ही पात्र है, लेकिन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भर्ती हेतु अनिवार्य OTR में ऐसा कोई फिल्टर नहीं लगाया गया है जिससे बाहरी प्रदेशों के अभ्यर्थी उत्तराखंड समूह-ग भर्ती में आवेदन न कर सकें।
बाहरी अभ्यर्थी भी आसानी से उत्तराखंड के समूह-ग पदो पर आवेदन कर रहे हैं, इसी मामले में जेई भर्ती के अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य में जेई(सिविल) के कुल बेरोजगारों की संख्या 8 हजार के करीब है, लेकिन जेई भर्ती में कुल आवेदन करीब 12 हजार हैं। जिसमें जाहिर है अतिरिक्त आवेदन बाहरी प्रदेशों से आए है, जोकि नियम संगत नहीं है।
इस संबंध में बेरोजगारों द्वारा आयोग को ई-मेल और संवाद पोर्टल के माध्यम से शिकायत भी दर्ज कराई गई है, लेकिन आयोग द्वारा दिए गए जवाब बेहद हास्यास्पद हैं, बेरोजगारों का कहना है कि इस प्रकार नियम अनुरूप भर्ती ना होने से भर्ती बार-बार कोर्ट-कचहरी मामलों में फंस कर रह जाती है। इससे यही लगता है सरकार के युवाओं को रोजगार देने के दावे खोखले साबित हो रहे है।